◼️ अंतेष्टि को पहुंचे लोग बाल बाल बचे, हड़कंप
◼️कोसी व शिप्रा नदी के संगम तट पर खैरना की घटना
◼️ अल्मोडा़ स्थित बैराज का गेट खोले जाने से नदी का वेग बढ़ने की आशंका
◼️ क्षेत्रवासियों ने उठाई लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी नदी का एकाएक वेग बढ़ने से शमशान घाट पर जल रही चिता बह गई। अंतेष्टि को पहुंचे लोग बाल बाल बच गए। क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया की अल्मोडा़ स्थित कोसी नदी के बैराज का गेट खोल दिए जाने से नदी का जलस्तर बढ़ गया। बगैर सूचना गेट खोलने पर कार्रवाई की मांग उठाई है।
खैरना निवासी पूर्व सैनिक पूरन चंद्र ढौंडियाल (79) पुत्र भैरव दत्त ढौंडियाल का शनिवार देर शाम निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बिमार थे। रविवार को पूर्व सैनिक की अंतेष्टि को स्वजन तथा क्षेत्रवासी शिप्रा तथा कोसी नदी के तट पर पहुंचे। चिता लगाई ही जा सकी थी की एकाएक कोसी नदी का वेग बढ़ गया। नदी के उफान में आने से अफरा तफरी मच गई। बिन बारिश के नदी के उफान में आने से लोग सख्ते में आ गए। देखते ही देखते संगम में जल रही चिता भी नदी के वेग में समा गई। जल रही चिता के नदी के वेग में बहने से हड़कंप मच गया। स्वजन चिता को बचाने दौडे़ पर क्षेत्रवासियों ने कोसी के बढ़ रहे वेग के बीच में जाने से स्वजनो को रोक लिया। क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया की अल्मोडा़ स्थित कोसी बैराज का गेट खोले जाने से ही नदी का वेग बढा़ जिस कारण घटना सामने आई। संयोगवश अंतेष्टि को पहुंचे लोगो की जिंदगी बाल बाल बच गई। आरोप लगाया की कुछ वर्ष पहले भी बगैर सूचना बैराज का गेट खोले जाने से जौरासी क्षेत्र से दो महिलाओं को जान गंवानी पडी़ थी। क्षेत्रवासियों ने बगैर सूचना बैराज का गेट खोलने वालो के खिलाफ कडी़ कार्रवाई की मांग उठाई है।