= लाखो रुपये की लागत से किया गया डामरीकरण तोड़ रहा दम
= गांवो के लोगो ने लगाया गुणवत्ताविहीन कार्यों का आरोप
= भुजान – बेतालघाट मोटर मार्ग का मामला
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/भीम बिष्ट की रिपोर्ट)))
ग्रामीण सड़के बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। लाखो रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद सड़को में किए जा रहे कार्य कुछ ही दिनो में दम तोड़ जा रहे है।बेतालघाट – भुजान मोटर मार्ग में कुछ महीने पहले हुआ डामरीकरण इसका जीता जागता उदाहरण बन चुका है।लोगो ने गुणवत्ताविहीन डामरीकरण की जांच किए जाने की मांग उठा जिम्मदारो के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल बदहाली का दंश झेल रहे भुजान बेतालघाट मोटर मार्ग पर कुछ महीने पहले लाखो रुपये का बजट खर्च कर डामरीकरण किया गया।ग्रामीणों का आरोप है की विभागीय अनदेखी से डामरीकरण के कार्य में गुणवत्ता का ध्यान न रखे जाने से मार्ग पर जगह जगह घटिया डामरीकरण उखड़ने लगा है। डामरीकरण उखड़ने से कई बाईक सवार रपटकर चोटील हो चुके है।बडी़ घटना का अंदेशा भी बना हुआ है।ग्रामीणों ने गुणवत्ताविहीन डामरीकरण को सरकारी बजट की बर्बादी करार दिया है।वहीं बेतालघाट के चापड़ क्षेत्र में भी मोटर मार्ग की बदहाली से क्षेत्रवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रेमा नेगी ने आरोप लगाया है की मार्ग पर जगह जगह जलभराव होने से वाहनो की आवाजाही से पानी लोगो के घरो में घुस जा रहा है। स्थानीय नवीन सिंह,लक्ष्मण सिंह,नंदन सिंह,मदन सिंह आदि लोगो ने मार्ग में किए गए गुणवत्ताविहीन डामरीकरण की जांच की मांग उठाई है साथ ही मार्ग को दुरुस्त किए जाने की मांग भी की है।दो टूक चेताया है की यदि मामले को गभीरता से नही लिया गया तो फिर संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जाऐगी।