= कुछ स्थानों पर कार्य तेज कुछ स्थानों पर शुरू ही हुआ नही हो सका कार्य
= 30 जून के बाद नदियों में बंद हो जाता है उपखनिज निकासी का कार्य
= सरकार प्रदेशभर में लगा देती है रोक
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी तथा शिप्रा नदी से रिवर ड्रेनिंग कर मलबा हटाया जाने तथा खतरा टालने की जद्दोजहद के बीच बड़ी चुनौती भी सामने आ रही है। प्रदेश सरकार जून में सभी नदियों से निकासी पर रोक लगा देती है। अब सप्ताह भर शेष है। ऐसे में नदीयों से कितना मलबा हटाया जा सकेगा यह बडा़ सवाल है। गरमपानी मुख्य बाजार के पीछे कफूल्टा ग्राम पंचायत में अब तक रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरू न हो पाना बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश के बाद उत्तरवाहिनी शिप्रा व कोसी नदी मलबे से भर गई। प्रशासन ने खतरा टालने के मकसद से नदी क्षेत्रो में अलग अलग स्थानो से मलबा हटाए जाने को लेकर रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरू करवाया। अब 30 जून के बाद नदियों से सरकार निकासी पर रोक लगा देती है ऐसे में मलबा हटाए जाने का कार्य कितनी तेजी से हो सकेगा यह बड़ा सवाल है। गरमपानी मुख्य बाजार के ठीक पीछे शिप्रा नदी पर कफूल्टा ग्राम पंचायत क्षेत्र में अब तक रिवर ड्रेनिंग का कार्य शुरू नहीं हो सका है। बेतालघाट क्षेत्र में भी कुछ स्थानों पर कार्य शुरू नहीं हुआ है। कुछ स्थानों पर रिवर ड्रेनिंग का कार्य होने और कुछ स्थानों पर कार्य शुरु ना होने से ग्रामीण खतरे की आशंका जता रहे है। क्षेत्रवासियों के अनुसार आपदा को लंबा समय बीतने के बावजूद रिवर ट्रेनिंग का कार्य जून माह में शुरू किया गया है अब ऐसे में कितना मलबा हटाया जा सकेगा यह समझ से परे है। नदी क्षेत्रों में कई जगह खदान होने तथा कुछ स्थानों पर खदान ना होने से बरसात में नदी का वेग बिगड़ने से खतरा बढ़ सकता है।