= उत्तर प्रदेश शासन के समय स्थापित हुआ टैंक से आज भी हो रही आपूर्ति
= ग्रामीणों ने उठाई नए टैंक निर्माण की मांग

(((सुनील मेहरा/मनीष कर्नाटक/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))

रानीखेत में स्टेट हाइवे से सटे टूनाकोट गांव के वाशिंदे आज भी उत्तर प्रदेश के समय में स्थापित पेयजल टैंक से पानी पीने को मजबूर हैं। टैंक की हालत दिनों खस्ताहाल हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि टैंक के अंदर जंग भी लग चुका है। बावजूद कोई सुध नहीं ली जा रही है। ग्रामीणों ने तत्काल में नए टैंक निर्माण की मांग उठाई है।
दरअसल टूनाकोट गांव के करीब पचास से ज्यादा परिवारो को पेयजल उपलब्ध कराने को वर्ष 1978 मे पेयजल योजना तैयार की गई। लगभग 25 केएल का एक लोहे का टैंक भी स्थापित किया गया। तब से आज तक गांव के वासिंदो को इसी टैंक से पानी मुहैया कराया जाता है।अब समय के साथ ही योजना के पाईप तथा पानी का टैंक भी बदहाल हालत में पहुंच चुका है। स्थानीय लोगो का कहना है की वर्षो पुराने टैंक में जंक लग चुका है।अंदर से भी जंक लग रहा है। मजबूरी में गांव के लोग इस बदहाल हालत में पहुंचे टैंक से पानी पीने को मजबूर है। बिमारी का खतरा भी बढ़ रहा है।राज्य बन जाने के बावजूद आज भी टैंक में उत्तर प्रदेश अंकित है। बदहाली का दंश झेल रहे टैंक की सुध न लिए जाने से गांव के लोग भी आक्रोशित है।स्थानीय लोगो ने नया टैंक बनाए जाने की मांग उठाई है।चेताया है की यदि उपेक्षा हुई तो आंदोलन शुरु किया जाऐगा। इधर जल संस्थान के अवर अभियंता संदीप आर्या के अनुसार नए टैंक निर्माण के लिए ग्रामीणों को प्रस्ताव बनाकर जल निगम को भेजना होगा।