= धनियाकोट पुल के समीप से चूवारी,मझेडा़, डोबा को आनेजाने वाले लोग परेशान
=आपदा को बीस दिन से ज्यादा बीतने के बावजूद नही बन सका पैदल रास्ता
= कभी भी हो सकता है बडा़ हादसा

((((भाष्कर आर्या/कुबेर जीना/अंकित सुयाल/महेन्द्र कनवाल की रिपोर्ट)))

खैरना चौराहे से आसपास के गांवों को पैदल आवाजाही करने वाला पैदल मार्ग आपदा को 20 दिन बीतने के बावजूद दुरुस्त नहीं हो सका है। गांव के लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही करने को मजबूर है। रास्ता दुरुस्त ना होने पर लोगों का गुस्सा भी सातवें आसमान पर है।

मूलाधार बारिश के बाद उफान पर आई उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी ने धनियाकोट पुल की बुनियाद को नुकसान पहुंचाया। साथ ही डोबा, मझेडा़, चूवारी समेत आसपास के गांवों को पैदल आवाजाही करने वाला पैदल मार्ग भी ध्वस्त हो गया। लोग जान जोखिम में डाल आवाजाही करने को मजबूर हैं। पुल के समीप से जाने वाला रास्ता पूर्णत: ध्वस्त हो चुका है जिससे लोगों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्रवासियों का आरोप है कि आपदा को 20 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक पैदल मार्ग की सुध नहीं ली गई है। सैकड़ों लोग रोजाना इसी मार्ग से खैरना बाजार को आवाजाही करते हैं वही राशन आदि भी पैदल ही इसी मार्ग से गांव तक ले जाया जाता है जिससे लोग परेशानी का सामना करने को मजबूर है। सरस्वती शिशु मंदिर के विद्यार्थी भी इसी मार्ग का इस्तेमाल करते हैं पर मार्ग के ध्वस्त पड़े होने से व्यवस्था चरमरा गई है। क्षेत्रवासियों ने तत्काल पैदल मार्ग को दुरुस्त करने की मांग की है। दो टूक चेताया है कि यदि जल्द रास्ते को दुरुस्त नहीं किया गया तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।