= आपदा को सात माह बीतने के बाद नहीं हुई सुनवाई
= कई आवासीय मकान पूर्व में हो चुके हैं जमीनदोंज
= बरसात में उफान में आई शिप्रा तो उठाना होगा भारी नुकसान
(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
गरमपानी खैरना बाजार के ठिक पीछे बहने शिप्रा नदी एक बार फिर डराने लगी है। बाढ़ सुरक्षा कार्य की तैयारी तक न होने से क्षेत्र के लोग दहशत में है। जून से बरसाती मौसम शुरु होने के बावजूद सुध न लिए जाने से लोग परेशान है। क्षेत्रवासियों ने बाढ़ सुरक्षा के ठोस उपाए किए जाने की मांग उठाई है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित गरमपानी खैरना बाजार के पीछे बहने वाली उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी एक बार फिर डराने लगी है। बीते अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश में उफान पर आई शिप्रा नदी ने एक दर्जन से ज्यादा आवासीय मकान जमीनदोंज हो गए साथ ही कई व्यापारिक प्रतिष्ठानों को भी भारी नुकसान हुआ। आपदा को सात माह बीत जाने के बावजूद अभी तक शिप्रा नदी में बाढ़ सुरक्षा के लिए मास्टर प्लान तैयार नहीं हो सका है। बरसात का मौसम नजदीक होने के बावजूद बाढ़ सुरक्षा के उपाय न किए जाने से स्थानीय लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद शिप्रा पर बाढ़ सुरक्षा के ठोस प्रबंध नहीं किए जा रहे। लोग खतरे की जद में है यदि बरसात में शिप्रा एक बार फिर उफान पर आई तो खतरनाक मंजर सामने आ सकता है। व्यापारी नेता देवेश कांडपाल, गजेंद्र नेगी, भैरव नैनवाल, मनोज नैनवाल, फिरोज अहमद, गंगा सिंह पिनारी, भरत जलाल, भुवन सिंह पिनारी, रवि पिनारी, श्याम सिंह, वीरेंद्र बिष्ट, महेंद्र सिंह, बिशन सिंह जंतवाल आदि ने बाढ़ सुरक्षा के ठोस प्रबंध किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।