= आपदा को चार माह बीते पर नहीं हुआ व्यवस्थाओं में सुधार
= गांव का मोटर मार्ग बदहाल होने से रसोई गैस का वाहन नहीं पहुंच रहा गांव तक
(((पंकज भट्ट/हरीश कुमार/महेंद्र कनवाल की रिपोर्ट)))
आपदा को चार माह बीत जाने के बावजूद तमाम गांवों में हालात बिगड़े हुए है। रसोई गैस के लिए ही तमाम गांवों के लोगों को आवाजाही में बीस किमी की दूरी नापनी पड़ रही है। अतिरिक्त दूरी होने से किराए के साथ ही समय की बर्बादी भी हो रही है। रसोई गैस के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने तत्काल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे लोहाली, आटावृता, धूरा, छियोडी़, धारी, उल्गौर,रुप सिंहधूरा आदि गांवों के लोग आपदा का दंश चार माह बाद तक झेल रहे हैं। गांव तक रसोई गैस का वाहन ना पहुंचने से लोग परेशान हैं। लोहाली – छियोडी – धूरा – मोटर मार्ग बदहाली के चलते रसोई गैस का वाहन गांव तक नहीं पहुंच पा रहा जिस कारण ग्रामीणों को गांव से करीब दस किमी दूर अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर चमडिया क्षेत्र में सिलेंडर लेकर पहुंचना पड़ रहा है जहां से फिर वापस दस किमी की दूरी तय कर गांव पहुंचना पड़ता है। ऐसे में बीस किमी आवाजाही से ग्रामीणों को किराए में ही अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है वही समय की भी बर्बादी हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि दावे बड़े-बड़े किए जाते हैं पर आपदा को चार माह बीत जाने के बावजूद आज तक मोटर मार्ग दुरुस्त नहीं किया जा सका है जिससे तमाम गांवों के करीब दो सौ से ज्यादा उपभोक्ता परेशान हैं। कई बार मांग उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्थानीय पंकज भट्ट, गणेश भट्ट, दीप भट्ट, हरक सिंह, जीवन सिंह, दान सिंह, महेंद्र सिंह, गिरीश जोशी आदि लोगों ने तत्काल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।