= नवजात शिशुओं के टीकाकरण को भी परिजन परेशान
= एएनएम के सेवानिवृत्त होने से थम गया टीकाकरण का कार्य
(((शेखर दानी की स्पेशल रिपोर्ट)))
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लाख दावे किया जाए पर विभागीय दावे खोखले साबित साबित हो रहे हैं। बेतालघाट ब्लॉक के सुदूर गांवों में गर्भवती व नवजात शिशुओं को टीकाकरण ही नहीं हो पा रहा ऐसे में परेशान परिजन दस किमी दूर बेतालघाट अस्पताल को रुख करने को मजबूर हैं। ऐसे में दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।
बिजली, पानी, सड़क आदि मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे गांवों में एक के बाद एक समस्याएं खड़ी होती जा रही हैं। ब्लॉक के सुदूर मल्ली पाली, तल्ली पाली, घिरोली गांव के नवजात शिशुओं तथा गर्भवती महिलाओं विभिन्न बीमारियों से बचाव को होने वाला टीकाकरण बीते दो माह से बंद है। पूर्व में तैनात एएनएम सेवानिवृत्त हो चुकी है। तब से सुध नहीं ली जा रही। पाली टगयूडा़ में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में अस्थाई टीकाकरण केंद्र बंद पड़ा हुआ है। गर्भवती महिलाएं व नवजात शिशुओं के परिजन काफी परेशान है। टीकाकरण को गांव से करीब दस किमी दूर चिकित्सालय की ओर रुख करना पड़ रहा है। जिसमें काफी समय वह पैसे की भी बर्बादी हो रही है। गांव के लोगों ने मामले पर रोष जताया है। ग्राम प्रधान शेखर चंद्र के अनुसार यदि गांव में स्थाई टीकाकरण केंद्र की स्थापना हो जाए तो अन्य पंचायतों को भी इसका लाभ मिलेगा। साफ कहा है कि यदि स्वास्थ्य विभाग को केंद्र की स्थापना के लिए भूमि की जरूरत पड़ेगी तो पंचायत में भूमि भी उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम प्रधान व अन्य ग्रामीणों ने टीकाकरण शुरू कराए जाने की भी पुरजोर मांग उठाई है। इधर चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत के अनुसार एएनएम के सेवानिवृत्त होने से परेशानी आई है फिर भी रोस्टर बनाकर टीकाकर करवाया जा रहा है। बताया कि पूरे ब्लॉक में सात एएनएम के पद रिक्त हो चुके हैं।