◾शिप्रा के उफान से ध्वस्त मार्ग पर अस्थाई आवाजाही से ग्रामीण परेशान
◾ कदम कदम पर भू धंसाव की जद में मोटर मार्ग के अस्तित्व पर भी संकट
◾तमाम गांवों की जीवन रेखा है महत्वपूर्ण मोटर मार्ग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रातीघाट – बुधलाकोट मोटर मार्ग बदहाली का दंश झेल रहा है। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है। हालत यह की दो वर्ष पूर्व शिप्रा नदी से ध्वस्त मोटर मार्ग को अस्थाई रुप से आवाजाही लायक बनाया जा सका है। जगह जगह ध्वस्त मार्ग पर ग्रामीण जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर हैं।
हाइवे से जाख, चौरसा, घुना, बुधलाकोट समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाला रातीघाट – बुधलाकोट मोटर मार्ग लंबे समय से बदहाली का दंश झेल रहा है। दो वर्ष पूर्व आपदा में शिप्रा नदी ने मोटर मार्ग को भारी नुकसान पहुंचाया। कई दिनों तक आवाजाही ठप रही। बामुश्किल अस्थाई रुप से मोटर मार्ग पर आवाजाही सुचारू की गई। आपदा को दो वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक मोटर मार्ग की सुध नहीं ली जा सकी है। जगह जगह मोटर मार्ग भूधंसाव की जद में भी है। गांवों के वासिदों जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हो चुके हैं। गांवों के किसान भी इसी मार्ग से उपज को हाईवे तक पहुंचाते है पर मोटर मार्ग की दुर्दशा से कास्तकारो भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है की कई बार मोटर मार्ग को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है बावजूद कोई सुधलेवा नही है। स्थानीय तारा सिंह बिष्ट, जीवन सिंह, पूरन सिंह बिष्ट, किसन चंद्र, देवेंद्र भंडारी आदि ने मोटर मार्ग को तत्काल दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।