= निर्माण कार्यों की आड़ में धड़ल्ले से किए जा रहे गुणवत्ता विहीन कार्य
= व्यापारी नेता ने उठाई जांच की मांग
(((महेन्द्र कनवाल/हरीश कुमार/भाष्कर आर्या की रिपोर्ट)))
ग्रामीण सड़कें सरकारी धन को ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। निर्माण कार्यों की आड़ में जहां जनहित से खिलवाड़ हो रहा है वही सरकारी धन की बर्बादी भी की जा रही है। भुजान क्षेत्र से बोहरागांव समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग में बन रहे पैराफिट इसका जीता जागता उदाहरण बन गए हैं।
भुजान से तमाम गांवों को जोड़ने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से मोटर मार्ग का निर्माण किया गया अब सुरक्षित यातायात को मोटर मार्ग किनारे पैराफिट निर्माण किया जा रहा है मकसद है कि मार्ग पर आवाजाही करने वाले यात्रियों की जान सुरक्षित रहें पर धड़ल्ले से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। पैराफिट में भारी-भरकम पत्थर भर दिए जा रहे। हैं जिस कारण गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। पैराफिट में पत्थर भरे जाने से विभागीय लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं। व्यापारी नेता वीरेंद्र सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया है कि लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। सुरक्षित यातायात को बनाए जाने वाले पैराफिट निर्मात में गुणवत्ता की धज्जियां उड़ाई जा रही है जो ठीक नहीं है।सरकारी धन की बर्बादी की जा रही है। उन्होंने गुणवत्ता युक्त पैराफिट बनाए जाने की पुरजोर मांग की है। साथ ही पूर्व में बनाए पैराफिट की भी जांच कर उनकी जगह नए पैराफिट बनाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।