= जगह-जगह बजबजा रही गंदगी
= श्रमिक खुले में धड़ल्ले से कर रहे शौच
= जिम्मेदारों की आंखें बंद बीमारी का खतरा हुआ दोगुना

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बेतालघाट क्षेत्र में बहने वाली जीवनदायिनी कोसी नदी प्रदूषित होती जा रही है। बावजूद कोई सुध नही ले रहा। बसगांव क्षेत्र के समीप नदी में पांच सौ मीटर दायरे में इकठ्ठा भारी गंदगी लापरवाही की हकीकत बंया कर रही है। गंदगी से संक्रामक बिमारी फैलने का खतरा भी दोगुना हो चुका है। सेठी क्षेत्र में भी उपखनिज खदान में जुटे श्रमिक धडल्ले से नदी को प्रदूषित करने में जुटे है। नदी को प्रदूषित किए जाने से तमाम गांवो के लोगो में गहरा रोष व्याप्त है।
बेतालघाट क्षेत्र में समतलीकरण की आड़ में नदी क्षेत्र को रौंदा जा रहा है बावजूद जिम्मेदार आंखें मूंदे बैठे हैं। नदी क्षेत्र में श्रमिक धड़ल्ले से गंदगी कर रहे हैं बसगांव क्षेत्र में करीब पांच सौ मीटर दायरे में गंदगी बजबजा रही है। संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा कई गुना बढ़ चुका है। लोग नदी क्षेत्र से ही मवेशियों को पानी के साथ ही खेती-बाड़ी में भी नदी के पानी का इस्तेमाल करते हैं कई लोग नदी का पानी भी पीते हैं भारी गंदगी होने से संक्रामक रोग फैलने का खतरा कई गुना बढ़ चुका है। सेठी क्षेत्र में भी श्रमिक खुलेआम नदी क्षेत्र में गंदगी कर रहे हैं बावजूद जिम्मेदारों की आंखें बंद है। नदी क्षेत्र में गंदगी फैलाए जाने से लोगों का पारा भी चढ़ते ही जा रहा है। लोगों ने मामले में कार्रवाई किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।