🔳पंचायत प्रतिनिधियों व विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने उठाई मांग
🔳वनाग्नि से पहाड़ी को पहुंच चुका है भारी नुकसान
🔳पहाड़ी को बचाने को पौधरोपण पर दिया जोर
🔳समय रहते न चेते तो भविष्य में बड़ी घटना का जताया अंदेशा
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

बरसात के मौसम में कोसी घाटी के जंगलों में वृहद पौधारोपण अभियान चलाए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। पंचायत प्रतिनिधियों व विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने गरमपानी खैरना बाजार क्षेत्र से सटी पहाड़ी पर भूस्खलन रोकने को संरक्षित प्रजाति के पौधे लगाने की मांग उठाई है। अंदेशा जताया है की यदि समय रहते पौधरोपण न किया गया तो भविष्य में परिणाम घातक होंगे।
ग्रीष्मकाल में वनाग्नि ने पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। बेसकिमती वन संपदा को राख कर डाला वहीं संरक्षित प्रजाति के पेड़ भी जला डाले। हाइवे पर स्थित गरमपानी खैरना क्षेत्र से सटी थुआ की पहाड़ी को भी आग ने भारी नुकसान पहुंचाया। आग से खाक होने के बाद पहाड़ी से भूस्खलन का खतरा कई गुना बढ़ गया है। ऐसे में अब पहाड़ी को दोबारा हरा भरा करने के लिए बरसात में बड़े पैमाने में पहाड़ी पर पौधरोपण अभियान शुरु करने की मांग तेज हो गई है। वन पंचायत सरपंच विक्रम सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह, मनोज नैनवाल, भैरव नैनवाल, विनोद मेहरा के अनुसार बरसाती मौसम में वन विभाग को बाजार से सटी पहाड़ी पर विभिन्न प्रजाती के पौधे रोपने चाहिए खासतौर पर भूस्खलन रोकने में मददगार काला बांस रोपित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य के खतरे को टाला जा सके। स्थानीय विरेन्द्र सिंह, दुर्गा सिंह बिष्ट, मनीष तिवारी, राकेश जलाल, कैलाश पिनारी, संजय सिंह के अनुसार यदि वन विभाग पौधरोपण अभियान शुरु करता है तो क्षेत्रवासी भी अभियान में बढ़-चढ़कर भागीदारी करेंगे।