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= लगातार हो रहे नुकसान से चिंता में आए किसान
= सड़का गांव के बाशिंदों का चढ़ा पारा
= समीपवर्ती गांव के पशुपालकों पर लगाया मवेशियों को खुला छोड़ने का आरोप

(((महेंद्र कनवाल/अंकित सुयाल/विरेन्द्र बिष्ट की रिपोर्ट)))

पालतू मवेशी रौंद रहे खेत, फसल हो रही बर्बाद
= लगातार हो रहे नुकसान से चिंता में आए किसान
= सड़का गांव के बाशिंदों का चढ़ा पारा
= समीपवर्ती गांव के पशुपालकों पर लगाया मवेशियों को खुला छोड़ने का आरोप
(((महेंद्र कनवाल/अंकित सुयाल/विरेन्द्र बिष्ट की रिपोर्ट)))

जंगली जानवर तथा आवारा मवेशियों के साथ ही अब पालतू मवेशी भी किसानों के लिए सिरदर्द बन गए है । समीपवर्ती सड़का गांव में समीपवर्ती गडस्यारी गांव मवेशी खेती बर्बाद कर दे रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने मवेशियों को खुला छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है।
सड़का गांव के ग्रामीणों की खेती मवेशी चट कर जा रहे हैं । ग्रामीणों का आरोप है कि समीपवर्ती गडस्यारी गांव के पशुपालक अपने पालतू मवेशियो को को दिन दोपहर में खोल दे रहे हैं। निगरानी नहीं रखी जा रही है। तमाम रास्तों को पार कर मवेशी सड़का गांव के खेतों तक पहुंच खेती को बर्बाद कर रहे हैं कई बार गांव के लोगों से मवेशियों को बांधकर कर रखने की मांग उठाई जा चुकी है पर गांव के लोग ध्यान नहीं दे रहे। ऐसे में सड़का गांव के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह, पान सिंह, दीवान सिंह, लक्ष्मण सिंह, मोहन सिंह, टीका सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने गडस्यारी गांव के पशुपालको से मवेशियों को दूसरे गांवों में ना छोड़ने की गुहार लगाई है। कहा है कि गांव के काश्तकारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।