= पहुंच मार्ग चार महीने से ध्वस्त, नही है कोई सुधलेवा
= पर्यटन गतिविधि को बढा़वा देने के दावे खोखले
= मेढ़क पत्थर को देखने पहुंचते है पर्यटक,कई फिल्मों की हो चुकी शुटिंग
(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
गरमपानी मुख्य बाजार के समीप क्षेत्र का एकमात्र पर्यटक स्थल भी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। शिप्रा नदी पर मेढ़क नुमा पत्थर को देखने पर्यटक पहुंचते है। कई फिल्मों के दृष्य भी फिल्माएं जाते है पर पिछले चार महिने से झूला पूल होते हुए मेढ़क पत्थर तक जाने वाला रास्ता ध्वस्त है। पर्यटक स्थल की अनदेखी से लोगो में गहरा रोष भी व्याप्त है। आरोप लगाया है की पर्यटन गतिविधियां बढा़ने के दावे खोखले साबित हो रहे है।
उत्तरवाहिनी शिप्रा नदी पर मेढ़क नुमा विशालकाय पत्थर आकर्षण का केंद्र है। पर्यटक इस विशालकाय मेढ़क पत्थर को देखने पहुंचते है। समीप ही ब्रिटिश कालीन झूला पुल का भी आंनद उठाते है। चांद के पार चलो जैसे सुपर हिट फिल्म के साथ ही कई फिल्मों के दृष्य भी यहां फिल्माएं गए है। पर्यटको के पहुंचने से लोगो को रोजगार भी मिलता है साथ ही स्थानीय उत्पादों की भी उचित दामों पर बिक्री होती है पर पिछले चार महिनो से कुछ भी ठिक नही है। पर्यटक स्थल तक पहुंचने वाला रास्ता आपदा से ध्वस्त है बावजूद कोई सुधलेवा नही है। ऐसे में पर्यटकों का भी मोहभंग होता जा रहा है।पर्यटन गतिविधि कम होने व उपेक्षा से स्थानीय वासिंदो में गहरा रोष है। इसी रास्ते से आसपास के गांवो के लोग भी गांवो को आवाजाही करते है।कास्तकार भी उपज को इसी रास्ते उपज को हाईवे तक पहुंचाते है।पर रास्ते के ध्वस्त होने है गांवो के लोगो को भी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुंदन सिंह, मनोज नैनवाल, भैरव दत्त नैनवाल, फिरोज अहमद, विरेन्द्र सिंह बिष्ट, रविंद्र सिह, दिगंबर त्रिपाठी, भाष्कर आर्या आदि ने हाईवे से पर्यटक स्थल तक पहुंचने वाले मार्ग को दुरुस्त करने की पुरजोर मांग उठाई है। उपेक्षा किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।