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= घाटी क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा मोर का कुनबा
= लगातार नुकसान झेल रहे काश्तकार

(((तीखी नजर संवाददाता की रिपोर्ट)))

पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की किस्मत ही साथ नहीं दे रही। कभी लॉकडाउन, कोरोना कर्फ्यू, ओलावृष्टि, बेमौसम बारिश किसानों को नुकसान पहुंचा रही है तो अब जंगली मोर किसानों के लिए आफत बन गए हैं खेतों में बुवाई को डाला गए बीज को मोर चट कर जा रहे हैं। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
लगातार नुकसान उठाने के बाद सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले किसानों ने वापस खेतों को रुख किया तो इंद्रदेव नाराज हो गए। कभी बारिश ना होने तो कभी मूसलाधार बारिश ने किसानों को नुकसान पहुंचा दिया। अब एक बार फिर किसान सब कुछ ठीक होने की उम्मीद ले वापस खेतों में पहुंचे। दाल व विभिन्न सब्जियों की बुवाई शुरू कर आर्थिक स्थिति सुधारने का प्रयास किया गया तो अब जंगली मोर किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से सटे कमान, चापड़, अस्तोला, एससी बस्ती, बचौडी़ नौणा गांव के करीब दो सौ से ज्यादा किसानों के लिए मोर सिरदर्द बन चुके हैं। बुवाई के लिए खेतों में डाले गए बीज को मोर चट कर रहे हैं। किसान बेहतर पैदावार को महंगे बीच खेतों पर डाल रहे हैं पर लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान गिरीश चंद्र ने किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।