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= आजादी तो मिल गई पर नसीब नहीं हुई सड़क
= हाइवे से सटे मल्ला निगलाट गांव के तीस परिवार आज भी सड़क सुविधा से विहीन

(((पंकज नेगी/पंकज भट्ट/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे मल्ला निगलाट गांव के करीब तीस परिवार आजादी के बाद आज भी सड़क सुविधा को तरस गए है। सड़क सुविधा ना होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गर्भवती महिलाओं को डोली तथा कुर्सी में बैठा कर बमुश्किल हाईवे तक पहुंचाया जाता है। गांव से सड़क तक पहुंचाने में कुर्सियां व डोली ही एंबुलेंस का काम करती है लोगों ने जल्द मोटर मार्ग निर्माण की मांग उठाई है ।
सरकार गांव गांव सड़क का जाल बिछाने का दावा करती है। गांव के अंतिम छोर तक विकास योजनाओं का डंका पीटा जाता है पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हाईवे से महज डेढ़ से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित मल्ला निगलाट गांव में आज तक सड़क ही नहीं है। सड़क सुविधा ना होने से गांव के करीब तीस परिवार परेशानी में है। आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मरीजों को लाने ले जाने में संकट खड़ा हो जाता है। गर्भवती महिलाओं को कुर्सी तथा डोली के सहारे हाईवे तक पहुंचाना मजबूरी है।। जहां से फिर उन्हें अन्यत्र उपचार के लिए भेजा जाता है। वही गांव में राशन, रसोई गैस समेत तमाम अन्य मूलभूत जरूरतों के लिए भी पैदल ही दूरी नापी पड़ती है। आरोप है कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। स्थानीय पुष्पा मेहरा, हेमा मेहरा, हेमा देवी, किरन मेहरा, दीपा देवी आदि ने रोड निर्माण की मांग उठाई है। चेताया है कि जल्द रोड निर्माण ना हुआ तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी