= गांव में व्यवस्थाएं बदहाल होने से परेशान है ग्रामीण
= पंचायत प्रतिनिधियों ने एसडीएम को पत्र भेज दी का आंदोलन की चेतावनी
= जीआइसी रातीघाट में भी कक्षा कक्ष क्षतिग्रस्त
(((हरीश चंद्र/भाष्कर आर्या/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))
आपदा के सप्ताह भर बाद भी गांवों में व्यवस्थाएं अस्त व्यस्त हैं। व्यवस्थाओं में सुधार न होने पर अब पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का पारा चढ़ने लगा है। ग्राम पंचायत ब्यासी के पंचायत प्रतिनिधि व ग्रामीणों ने तत्काल व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन का ऐलान कर दिया।
गांवों में आपदा के बाद स्थिति अस्त व्यस्त हो चुकी है। गांव के संपर्क मार्ग ध्वस्त होने होने से आवश्यक सामग्री की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। ऐसे में ग्रामीण परेशान हैं। समीपवर्ती ब्यासी गांव के पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने उप जिलाधिकारी को पत्र भेज तत्काल व्यवस्थाओं में सुधार की मांग उठाई है।
एसडीएम को भेजे पत्र में कहा है कि सप्ताह भर से गांव में पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी है जिस कारण गांव के लोग दूर-दराज से पानी ढोने को मजबूर हैं। महज कोरे आश्वासन दिए जा रहे हैं। चिता है कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार ना हुआ तो धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। ज्ञापन में ग्राम प्रधान मंजू देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य केशव आर्या, किरन आर्या, पूरन राम, कमलेश कुमार, सुनीता देवी, प्रकाश चंद्र, कैलाश राम आदि के हस्ताक्षर हैं। इधर जीआइसी रातीघाट को भी भूस्खलन से काफी नुकसान हुआ है। चार कक्षा कक्ष क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। विद्यालय का फर्नीचर भी क्षतिग्रस्त है। क्षेत्र पंचायत सदस्य रुचि आर्या ने प्रशासन से क्षति का जायजा लेने की मांग उठाई है।