= आपदा के माह बाद भी नहीं हो सका सुधार
= चेतावनी बोर्ड व संकेतांक ना लगे होने से रात्रि में बढ़ रहा खतरा
= व्यापारियों ने उठाई तत्काल स्टेट हाईवे को दुरुस्त करने की मांग
(((दलिप नेगी/अंकित सुयाल/मनोज पडलिया/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))
पर्यटन व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे पर यात्री जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर है। आपदा को एक माह बीत जाने के बावजूद स्टेट हाईवे दुरुस्त नहीं किया जा सका है। हैरानी की बात यह है कि ध्वस्त स्टेट हाईवे के आसपास संकेतांक व चेतावनी बोर्ड भी नहीं लगाए जा सके हैं जिससे खतरा लगातार बढ़ते ही जा रहा है। लोगों में हाईवे को दुरुस्त करने के साथ ही चेतावनी बोर्ड लगाए जाने की मांग उठाई है।
बीते 18 व 19 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश के बाद उफान में आई कोसी नदी ने रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे को भारी नुकसान पहुंचाया। खैरना से भुजान के बीच करीब आठ सौ मीटर दायरे में हाईवे का एक हिस्सा पूरी तरह तहस-नहस कर डाला। दरारे भी गहरी हो गई। स्टेट हाईवे का आधा हिस्सा कोसी नदी में समा गया। बमुश्किल आवाजाही सुचारू हो सकी। अब आपदा को एक माह से भी अधिक समय बीत गया है पर स्टेट हाईवे को दुरुस्त करने की ओर कदम नहीं उठाए जा रहे जिससे खतरा लगातार बढ़ते ही जा रहा है। किसी भी प्रकार के संकेतांक व बोर्ड ना लगाए जाने से जोखिम दोगुना हो गया है। रात्रि के वक्त खतरा कई गुना बढ़ जा रहा है। स्टेट हाईवे सामरिक व पर्यटन दृष्टि से महत्वपूर्ण है। रानीखेत में कुमाऊँ रेजिमेंटल सेंटर होने के चलते सेना के वाहन भी इसी स्टेट हाईवे से आवाजाही करते हैं पर स्टेट हाईवे की बदहाल होने से खतरा बना हुआ है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश उपाध्यक्ष महिपाल सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह बिष्ट, दीपक जोशी, चंदन सिंह, मदन सिंह, कैलाश तिवारी, पूरन लाल साह आदि ने स्टेट हाईवे को दुरुस्त करने के साथ ही खतरे वाले स्थानों पर चेतावनी बोर्ड आदि लगाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।