= ग्रामीणों ने उठाई ठोस कार्रवाई की मांग
= धारदार हथियार से हमले घायल श्रमिक की हालत अब भी नाजुक
= राजस्व निरीक्षक बोले नहीं होने दी जाएगी गांवो की शांति भंग

(((सुनील मेहरा/फिरोज अहमद/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))

लीसा निकालने वाले नेपाली श्रमिक पर धारदार हथियार से हमला किए जाने के मामले में गांवों के लोग भी आक्रोशित हैं। शांत समझे जाने वाले गांवों में ऐसी घटना की निंदा की है। ग्रामीणों ने तत्काल ऐसे लोगों पर कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है। श्रमिक के चेहरे व गर्दन पर बेरहमी से धारदार हथियार से किए गए हमले से ग्रामीण दहशत में भी है।
जंगल में लीसा निकालने का काम करने वाले श्रमिक पर धारदार हथियार से शुक्रवार देर रात हमला कर दिया गया। खून से लथपथ हालत में उसे आपातकालीन 108 से सीएचसी गरमपानी पहुंचाया गया। नाजुक हालत में उसे हायर सेंटर रेफर किया गया। समीपवर्ती मंडलकोट( ताडी़खेत ब्लॉक )के जंगलों में नेपाली श्रमिक लीसा निकालने का कार्य कर रहे हैं। नेपाल निवासी इंदर बहादुर तल्ला म्यूं (ताडी़खेत ब्लॉक) क्षेत्र में गया था देर शाम उसके गंभीर हालत में कमरे में पड़े होने की सूचना मिली। उसके साथी मंडलकोट से तल्ला म्यूं स्थित कमरे को रवाना हुए। तो वह खून से लथपथ हालत में कमरे में था। आपातकालीन 108 से गंभीर हालत में इंदर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी पहुंचाया गया। उसके अन्य साथी भी अस्पताल पहुंचे। साथियों का आरोप है कि इंदर को धारदार हथियार से मारा गया है। उसके गर्दन तथा मुंह पर धारधार हथियार से हमले के निशान है। नेपाली श्रमिक पर हमला क्यों और किस लिए किया गया यह अभी रहस्य बना हुआ है।पुलिस को भी सूचना दे दी गई है। फिलहाल नेपाली मूल के श्रमिक को गंभीर हालत में हायर सेंटर हल्द्वानी रेफर कर दिया गया है। चिकित्सकों के अनुसार उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। शांत समझे जाने वाले गांवों में सनसनीखेज वारदात से ग्रामीण दहशत में है। ग्रामीणों ने मामले में ठोस कार्रवाई किए जाने की मांग की मांग उठाई है।

ग्रामीणों ने एक को पकड़ा देर रात हुआ फरार

ग्रामीणों की माने तो कुछ दिन पूर्व भी कुछ नेपाली श्रमिकों का आपस में झगड़ा हुआ था। ग्रामीणों ने बमुश्किल मामला शांत कराया। शुक्रवार रात को विवाद ज्यादा बढ़ गया और इंदर बहादुर पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। गांव के लोगों ने एक श्रमिक को पकड़ भी लिया उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया पर देर रात वह दरवाजा तोड़ फरार हो गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की लीसा निकालने वाले श्रमिक आए दिन झगड़ा कर रहे हैं जिससे शांत समझे जाने वाले गांव का माहौल भी अशांत होता जा रहा है। गांवो के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कभी भी कोई बड़ी घटना सामने आ सकती है। श्रमिकों को शह देने पर ठेकेदार पर भी कार्रवाई की मांग उठाई है।

मामला जानकारी में है। फिलहाल तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई होगी। गांव का माहौल अंशात नहीं होने दिया जाएगा। ठोस कार्रवाई करेंगे।

  • विजेंद्र नाथ आर्या, राजस्व उपनिरीक्षक।