= विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
= आपदा से क्षतिग्रस्त पुलिया पर गुणवत्ता विभिन्न कार्यों का आरोप
= सुनवाई ना होने पर तहसील में धरना प्रदर्शन का ऐलान
(((ब्यूरो चीफ विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))
आपदा में क्षतिग्रस्त हुई निर्माणाधीन पुलिया के पुनर्निर्माण के उलट मरम्मत किए जाने से पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों का पारा चढ़ गया है। ग्रामीणों ने संबंधित विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है वही मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि मनमानी की गई तो ग्रामीणों को साथ लेकर तहसील मुख्यालय में धरना शुरू किया जाएगा।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले जाख – बुधलाकोट-रातीघाट मोटर मार्ग का कार्य गतिमान है। जाख गधेरे पर करीब 24 लाख रुपये की लागत से पुलिया का भी निर्माण किया जा रहा है। पिछले वर्ष अक्टूबर में आई आपदा में 12 मीटर स्पान की निर्माणाधीन पुलिया को नुकसान पहुंचा। उफान पर आए बरसाती गधेरे ने पुलिया के ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त कर डाला। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पुल को नुकसान होने के बावजूद कार्यदाई संस्था महज क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत करा इतिश्री करा रही है जिससे गुणवत्ता पर बड़े सवाल उठ रहे हैं। बरसाती गधेरे की ही मिट्टी मिश्रित रेत का भी इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे भविष्य में पुलिया को खतरा बढ़ने की आशंका है। ग्राम प्रधान चौरसा सविता बिष्ट, पान सिंह, कुंवर सिंह, संजय सिंह बिष्ट, नर सिंह, देव सिंह, कमल सिंह बोहरा, गोपाल सिंह अधिकारी, आन सिंह, पार्वती देवी, चंद्रा देवी आदि ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि लापरवाही की गई तो फिर तहसील कोश्या कुटोली में धरना शुरू किया जाएगा। इधर संबंधित विभाग के अधिशासी अभियंता केएस बिष्ट के अनुसार यदि हिस्सा क्षतिग्रस्त है तो उसका पूरा निर्माण किया जाएगा। लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।