🔳 भवन की खस्ताहालत कर रही अफसरों की कार्यप्रणाली की हकीकत बयां
🔳 प्राथमिक विद्यालय के भवन में संचालित होती है गांव की खुली बैठक
🔳 विभागीय अनदेखी से ग्रामीणों में गहरा रोष
🔳 देखरेख के अभाव में भवन के बदहाल होने का आरोप
🔳 नए भवन के लिए भेजा प्रस्ताव भी फाइलों में हो गया कैद
[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]
बेतालघाट ब्लॉक के उल्गौर गांव का पंचायत भवन विभागीय अफसरों की हकीकत बयां कर रहा है। बीस वर्ष पूर्व बना पंचायत भवन वर्तमान में खंडहर में तब्दील हो चुका है बावजूद आज तक सुध नहीं ली जा सकी है। पंचायत भवन के खस्ताहाल होने से ग्रामीणों को प्राथमिक विद्यालय परिसर में गांव की खुली बैठक करने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिम्मेदारों की अनदेखी से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। निवर्तमान ग्राम प्रधान सूरज आर्या के अनुसार नए पंचायत भवन के निर्माण को प्रस्ताव भी तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजा गया पर सुध नहीं ली गई।
किसी भी गांव में पंचायत भवन को विकास की पहली सीढ़ी कहा जाता है। पंचायत भवन में बैठकर ही विभागीय अधिकारी व ग्रामीण विकास योजनाओं का खाका तैयार करते हैं पर बेतालघाट ब्लॉक के उल्गौर गांव में हालात एकदम उलट है। बीस वर्ष पूर्व लाखों रुपये के सरकारी बजट से तैयार पंचायत भवन वर्तमान में खस्ताहाल है। देखरेख के अभाव में पंचायत भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। मुख्य द्वार पर जंक लगा बोर्ड और अंदर ध्वस्त हो चुके कमरे विभागीय अनदेखी की हालत बयां कर रहे हैं। पंचायत भवन की हालत से जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर तरस आने लगता है। स्थानीय पंकज भट्ट, गोविन्द सिंह, मनोज बिष्ट, महेंद्र रावत, राकेश पांडे के अनुसार खंडर बन चुके पंचायत भवन में एक भी बैठक नहीं हुई है। समीपवर्ती प्राथमिक विद्यालय परिसर में ही गांव की खुली बैठक होती है। आरोप लगाया की सरकारी भवन की यह हालत अफसरों की गैरजिम्मेदाराना कार्यप्रणाली का ही परिणाम है। निवर्तमान ग्राम प्रधान सूरज आर्या के अनुसार नए भवन के लिए प्रस्ताव तैयार कर उच्चाधिकारियों को भी भेजा गया पर आज तक बजट ही उपलब्ध नहीं हो सका है। ग्रामीणों ने जल्द नए पंचायत भवन निर्माण की मांग उठाई है। चेतावनी दी है की यदि अनदेखी की गई तो फिर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी।