= खेती-बाड़ी छोड़ पेयजल व्यवस्था करना बना मजबूरी
= विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
= जल्द व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन का ऐलान
(((भरत बोहरा/भीम बिष्ट/दलिप नेगी की रिपोर्ट)))
बेतालघाट ब्लॉक के बसगांव व आसपास के क्षेत्रो में पेयजल संकट को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। मजबूरी में ग्रामीण डेढ़ किमी दूरी से पानी ढोने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। आपदा के बाद से ही पेयजल व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। बमुश्किल कभी पेयजल आपूर्ति हो भी रही है तो वह ग्रामीणों के लिए नाकाफी साबित हो रही है।
गर्मी के शुरुआती दिनों में ही गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। ग्राम पंचायत बंसगांव तथा निगुडा़, सकदीना आदि क्षेत्रों में पेयजल व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य इंदर बोहरा का आरोप है कि कई बार व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। आए दिन पेयजल के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण करीब डेढ़ किलोमीटर दूरी से सिर पर पानी ढोकर घर तक पहुंचा रहे हैं। आए दिन पेयजल संकट से सौ से ज्यादा परिवार परेशान हैं। खेतीबाड़ी छोड़कर लोगों को पहले पेयजल व्यवस्था करना मजबूरी बन चुका है। जिससे खेती-बाड़ी भी प्रभावित हो रही है। पूर्व ग्राम प्रधान विक्रम बोहरा, पान सिंह, लाल सिंह, सोहन सिंह, मोहन सिंह, उमा देवी, पार्वती देवी, सरस्वती देवी, जानकी देवी, रमा देवी आदि ने तत्काल व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई है।दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द व्यवस्था में सुधार नही किया गया तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।