= नारेबाजी कर राज्य सरकार के खिलाफ जताया रोष
= सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप
= पीछे हटने को तैयार नहीं आशा कार्यकर्ता
= गरमपानी से बेतालघाट तक गूंजते रहे नारे

(((पंकज नेगी/राजू लटवाल/हरीश कुमार की रिपोर्ट)))

उपेक्षा से आहत आशा कार्यकर्ताओं का कार्य बहिष्कार 18वें दिन भी जारी रहा। राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। दो टूक कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। गरमपानी से बेतालघाट तक आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए।
लगातार आंदोलन की राह पर चल रही आशा कार्यकर्ताओं का पारा चढ़ता ही जा रहा है। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर आंदोलन पर डटी आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया। राज्य कर्मचारी का दर्जा, समान कार्य समान वेतन, सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर डटी आशा कार्यकर्ता हार मानने को तैयार नहीं है। गुरुवार को भी सीएचसी गरमपानी में नारेबाजी कर रोष जताया। कहा कि राज्य सरकार आशाओं की उपेक्षा पर आमादा है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान संगठन की अध्यक्ष नीमा भट्ट, आशा बिष्ट, इंदु बिष्ट, लीला देवी, जानकी देवी, हेमा देवी, विमला देवी, हंसा जोशी, सुनीता देवी आदि मौजूद रहे। बेतालघाट अस्पताल में संगठन के अध्यक्ष विमला उप्रेती, भगवती बोहरा, तुलसी पांडे, हंसी देवी, भगवती पंत, माया देवी, हंसी गोस्वामी, आशा देवी, भगवती भंडारी, माधवी देवी, नंदी देवी ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया।