= तीसरी लहर से निपटने के दावों पर खड़े हुए सवाल
= चिकित्सा प्रभारी का दावा अस्पतालों में प्रशिक्षित किए गए चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी
= गरमपानी में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ भी भी दे रही प्रशिक्षण
(((हेमंत साह/पंकज भट्ट/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))
कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी तेज कर दी गई है पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में तीसरी लहर से कैसे मुकाबला किया जा सकेगा यह बड़ा सवाल है। हालांकि महिला चिकित्सकों के साथ ही अस्पतालों में तैनात चिकित्सकों को तीसरी लहर से निपटने के लिए प्रशिक्षित कर लिया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने की लाख कोशिश की जाए पर स्वास्थ्य सुविधाओं का अकाल पड़ा हुआ है। विशेषज्ञ चिकित्सकों के ना होने से लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब कोरोना की तीसरी लहर नौनिहालों के लिए घातक बताई जा रही है। बेतालघाट ब्लॉक के करीब साढे आठ हजार बच्चों की जिम्मेदारी महज एक बाल रोग विशेषज्ञ के उपर है। सीएचसी गरमपानी में ही एकमात्र बाल रोग विशेषज्ञ तैनात है। बेतालघाट ब्लॉक में ही करीब सत्तर से ज्यादा गांवों में साढे आठ हजार से ज्यादा नौनिहाल है। नौनिहालों की देखरेख को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गरमपानी में एक ही बाल रोग विशेषज्ञ की तैनाती है। अब ऐसे में एक ही बाल रोग विशेषज्ञ हजारों बच्चों की देखभाल कैसे होगी यह बड़ा सवाल है। हालांकि प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. सतीश पंत ने व्यवस्था को चाक-चौबंद रखने का दावा किया है। बताया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। बताया कि तीसरी लहर से निपटने को तैयारी पूरी कर ली गई है। बेतालघाट व गरमपानी के साथ ही अन्य चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है। बताया कि गरमपानी में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डा. साक्षी भी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने में जुटी हुई है।