= उपेक्षा पर चढ़ा ग्रामीणों का पारा
= सड़क में गड्ढों पर बैठ की नारेबाजी जताया रोष
= न सत्तापक्ष देख रहा न विपक्ष

(((सुनील मेहरा/फिरोज अहमद/कैलाश बुधलाकोटी की रिपोर्ट)))

सड़क की बदहाली से आखिरकार ग्रामीण का सब्र जवाब दे गया। रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाले मार्ग पर गड्ढों के बीच बैठ ग्रामीणों ने नारेबाजी की। विभागीय अधिकारियों पर उपेक्षा का आरोप लगाया। दो टूक चेतावनी दी कि यदि जल्द मार्ग में सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन शुरू किया जाएगा।
रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे से ताडी़खेत तथा बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवो को जोड़ने वाले रिची भुजान व बेतलाघाट भुजान मोटर मार्गो पर तमाम गांवों के ग्रामीण आवाजाही करते हैं पर भुजान से चापड़ चौराहे तक मोटर मार्ग बदहाली पर आंसू बहा रहा है। बचौडी़ गांव के समीप करीब एक किमी मार्ग करीब पांच वर्षों से बदहाल हालत में है पर कोई सुध नहीं ली जा रही। आसपास मोटर मार्ग में लाखों करोड़ों रुपये खर्च किया जाता है पर एक किलोमीटर मार्ग की कोई सुनवाई नहीं। मार्ग के बदहाल हालत में पहुंचने से सड़क किनारे घरों को भी खतरा पैदा हो गया है। बरसात में हालात और बिगड़ जाते हैं। शुक्रवार को ग्रामीणों ने सड़क पर गड्ढों के बीच बैठ नारेबाजी की। विभागीय कार्यशैली पर रोष जताया। कहा कि कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। अफसर व बडे़ नेता गाड़ियों से इस मार्ग से आवाजाही करते हैं पर उन्हें गड्ढे दिखाई नहीं देते। चेताया कि यदि जल्द सड़क दुरुस्त नहीं हुई तो फिर आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान धर्मा देवी, शांति देवी, कमला देवी, महेंद्र सिंह, पदम सिंह, सूरज राणा आदि मौजूद रहे।