अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद के ग्रामीणों की जीवन रेखा है पुल
विभागीय अनदेखी से बिगड़ रहे हालात
((((कुबेर सिंह जीना की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा भवाली राजमार्ग से तमाम गांवों को जोड़ने के लिए कोसी नदी पर बना नैनीपुल दिनोंदिन खस्ताहाल होता जा रहा है। बावजूद पुल की कोई सुध लेवा नहीं है। पुल से करीब एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लोग आवाजाही करते हैं जिससे दुर्घटना का खतरा भी बढ़ता ही जा रहा है।
नैनी पुल क्षेत्र से कोसी नदी पार के पतलिया, रैंगल, डटवाल गांव, सैंज, सिरसा, कूल, चोपड़ा, बिरखन समेत एक दर्जन गांवों को जोड़ने के लिए वर्ष 1960 में झूला पुल का निर्माण किया गया। समय की मार व देखरेख के अभाव में पुल खस्ताहाल होता चला जा रहा है। कई जगह पुल के रैंप में पड़े पटाल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांवों के सब्जी उत्पादक कास्तकार भी इसी पुल से उपज को हाईवे तक पहुंचाते हैं। रात को भी इसी पुल से आवाजाही होती है। जिससे खतरा दोगुना हो बढ़ रहा है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही। नैनीताल जनपद के तमाम गांव के लोग भी इसी पुल से अल्मोड़ा जनपद के गांवो में आवाजाही करते हैं। स्थानीय दीपक कुमार, डूंगर राम, कमल बिष्ट, देवी प्रसाद, चंदन सिंह, शंभू लाल, नवीन चंद्र, कमल कुमार आदि ने पुल को तत्काल दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। चेतावनी दी है कि यदि समय रहते सुध नहीं ली गई तो तमाम गांव के ग्रामीण एकजुट होकर आंदोलन शुरू करेंगे।