◾व्यापारियों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
◾महिला मरीजो को दूरदराज रुख करना बना मजबूरी
◾क्षेत्रवासियों ने दोहराई स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
कोसी घाटी क्षेत्र में तीन अस्पतालों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा प्राप्त है पर तीनों ही अस्पताल विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं। लगातार मांग उठने के बावजूद सबसे महत्वपूर्ण स्त्री रोग विशेषज्ञ तक की तैनाती नहीं हो सकी है। व्यापारियों ने स्वास्थ्य विभाग पर गांवों की उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाया है।
कोसी घाटी क्षेत्र में गरमपानी, बेतालघाट तथा सुयालबाडी़ अस्पताल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा प्राप्त है। नियमानुसार सीएचसी में तमाम सुविधाओं के साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती का प्रावधान है। पर इसके उलट तमाम गांवों के मध्य में स्थित तीनों ही अस्पताल सुविधाओं व विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहे हैं जिसका खामियाजा क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ रहा है। महिला मरीजो को बेहतर उपचार के लिए दूर-दराज रुख करना मजबूरी बन चुका है। बीते दिनों ही सुविधाओं की कमी के कारण समीपवर्ती पोखरी गांव की प्रसूता को जान गंवानी पड़ी। व्यापारी नेता मनीष तिवारी, विरेंद्र सिंह बिष्ट, गजेंद्र सिंह नेगी, गोविंद नेगी, मनोज नैनवाल, राकेश जलाल, फिरोज अहमद, महेंद्र सिंह आदि ने आरोप लगाया है की लगातार विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती व सुविधाओं की मांग उठाई जा रही है बावजूद सुध नहीं ली जा रही। व्यापारियों ने स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती के साथ ही अस्पतालो में सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग दोहराई है। चेतावनी दी है की यदि अनदेखी की गई तो फिर सीएमओ कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।