🔳पहले ट्रांसफार्मर में आई तकनीकी खराबी से ठप हुई पेयजल आपूर्ति
🔳तीस गांवों में मचा बूंद बूंद पानी को हाहाकार
🔳पैसा खर्च कर दूर दराज से पानी मंगवा रहे गांव के बाशिंदे
🔳आए दिन आपूर्ति प्रभावित होने से ग्रामीणों का सब्र देने लगा जवाब
🔳ग्राम प्रधान संगठन अध्यक्ष ने दी आंदोलन की चेतावनी
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

तीस गांवो की लगभग दस हजार से भी ज्यादा आबादी के हलक तर करने वाली महत्वाकांक्षी रिची थापल पंपिग पेयजल योजना में अब वोल्टेज समस्या बन गई है। सप्ताह भर पूर्व ट्रांसफार्मर में आई तकनीकी खराबी को दूर किया ही जा सका था कि अब वोल्टेज ने गांवों की पेयजल आपूर्ति पर ब्रेक लगा दिया है। पेयजल संकट गहराने से अब गांवों के बाशिंदे दूर दराज के क्षेत्रों से पानी ढोने को मजबूर हैं। क्षेत्रवासियों ने विभागीय अधिकारियों के खिलाफ गहरी नाराजगी जताई है।
बेतालघाट ब्लॉक के तीस से ज्यादा गांवों की दस हजार से भी ज्यादा की आबादी रिची थापल पंपिग पेयजल योजना पर निर्भर है। कालाखेत, चंद्रकोट, च्यूनी, नौघर, भतरौज, बिनाकोट, दिगथरी, तौराड़, चनवाखरक, थापल, रिची समेत तीस गांव योजना से जुड़े हैं। आए दिन योजना से पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने से गांवो के बाशिंदे परेशान हैं। सप्ताहभर पूर्व योजना के ट्रांसफार्मर में तकनीकी खराबी आने से गांवों आपूर्ति ठप पड़ी है। गांवो के लोग बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज हो चुके हैं। मजबूरी में अब वाहनों के जरिए पानी गांवों में पहुंचाया जा रहा है। ट्रांसफार्मर में आई तकनीकी खराबी को दूर किए जाने के बाद अब आपूर्ति सुचारु होने की उम्मीद जगी तो अब वोल्टेज ने पानी की रफ्तार रोक दी है। आए दिन नई नई समस्याओं के आगे से अब गांवों के बाशिंदों का सब्र भी जवाब देने लगा है। ग्राम प्रधान संगठन बेतालघाट के अध्यक्ष मनोज पडलिया के अनुसार गांवों में दिक्कत बढ़ती ही जा रही है। लोग पैसा खर्च कर पानी मंगाने को मजबूर हो चुके हैं। आरोप लगाया की विभागीय अधिकारी समस्या के स्थाई समाधान को कतई गंभीर नहीं है। कभी वोल्टेज तो कभी पंप में तकनीकी समस्या आ रही है। संगठन अध्यक्ष ने जल्द समस्या का स्थाई समाधान कर योजना से आपूर्ति सुचारु करने की मांग उठाई है। चेताया है की यदि उपेक्षा की गई तो फिर पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों को साथ लेकर मोर्चा खोल दिया जाएगा। इधर जल संस्थान के सहायक अभियंता दलिप सिंह बिष्ट के अनुसार विद्युत विभाग से भी संपर्क साधा गया है। वोल्टेज मिलते ही पानी मुख्य टैंक में एकत्रित कर दिया जाएगा। व्यवस्था सुचारु रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।