चौड़ीकरण के जद में आने वाले पेड़ों की छह माह बाद भी नहीं मिली रिपोर्ट
आपत्ति लगने के बाद दोबारा हुई थी संयुक्त सर्वे
रिमाइंडर भेजने के बाद भी नहीं मिली रिपोर्ट
गरमपानी : केंद्र व राज्य सरकार अन्य प्रदेशों के पर्यटकों का ध्यान उत्तराखंड की ओर खींचने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों को दुरुस्त करने के दावे कर रही है पर ज्योलीकोट से खैरना तक बनने वाले टूलेन की प्रगति थम सी गई है। छह माह पूर्व वन विभाग व एनएच की संयुक्त सर्वे के बाद आज तक वन विभाग से रिपोर्ट एनएच को नहीं मिल सकी है। जिस कारण एनएच भी कदम आगे नहीं बढ़ा पा रहा है।
पहले चरण में खैरना से काकडी़घाट तक हाईवे को टूलेन किया जा चुका है। दूसरे चरण में काकडी़घाट से क्वारब तक चौडीकरण का कार्य शुरु हो गया है। तीसरे चरण में ज्योलीकोट से खैरना तक हाईवे को टूलेन किया जाना है। जिसके लिए एनएच विभाग ने शुरुआती चरण में काफी तेजी से कार्य किया। डीपीआर तैयार करने के बाद चौड़ीकरण की जद में आने वाले पेड़ों की गिनती कर रिपोर्ट वन विभाग को भेज दी पर वन विभाग से आपत्ति लग गई। उच्चाधिकारियों के निर्देश के बाद दोनों विभागों ने संयुक्त सर्वे भी की बावजूद छह माह से ज्यादा का समय बीतने के भी जाने पर आज तक वन विभाग से रिपोर्ट एनएच को नहीं मिल सकी है। जिससे एनएच अन्य कार्यों के लिए भी इंतजार कर रहा है। एनएच के अधिकारियों की माने तो रिमाइंडर भेजने के बावजूद वन विभाग रिपोर्ट देने को तैयार नहीं है। वन विभाग न सकारात्मक रिपोर्ट देने को तैयार है और ना नकारात्मक।
नए सिरे से बनाई जाएगी डीपीआर
खैरना से ज्योलीकोट तक हाईवे को 35 किमी दायरे में टूलेन किया जाना है। वर्तमान में हाईवे की चौडा़ई छह मीटर है। चौडी़करण के बाद डामरीकरण, नाली, फुटपाथ के बाद हाईवे की चौडा़ई बारह मीटर हो जाऐगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार पूर्व में बनाई गई डीपीआर की कीमत बदल चुकी है अब नए सिरे से डीपीआर तैयार कर सड़क व भूतल मंत्रालय को भेजी जाएगी।