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= जाम से मिलेगी निजात, खतरा भी टलेगा
= दिल्ली की कंपनी ने किया सर्वे पूरा
= अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर की राह होगी आसान

(((कुबेर सिंह जीना/महेंद्र कनवाल/अंकित सुयाल की रिपोर्ट)))

अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर ज्योलीकोट से खैरना तक हाईवे को टू लेन किए जाने की फाइल अभी वन विभाग के दफ्तर में ही घूम रही है। फिलहाल एनएच को टूलेन किए जाने से पहले दो नए पुल निर्माण की तैयारी तेज कर दी है। बकायदा सर्वे भी पूरा कर लिया गया है।
ज्योलीकोट से खैरना तक हाईवे को टूलेन किए जाने की प्रक्रिया गतिमान है। लंबे समय से फाइल वन विभाग के दफ्तर में है। वन विभाग से स्वीकृति के बाद ही आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। फिलहाल एनएच विभाग ने हाईवे पर बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी रामगाढ़ व द्वार पुल की जगह नए पुल निर्माण की प्रक्रिया शुरु कर दी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार दोनों पुलों पर अक्सर जाम लगता है। जिस कारण अल्मोडा़, पिथौरागढ़, बागेश्वर आदि पर्वतीय जनपदों को आवाजाही करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वर्षों पुराने पुल हो जाने से खतरा भी बना हुआ है। ऐसे में नए पुल की जरुरत है। फिलहाल दिल्ली की कंपनी से सर्वे भी पूरा करा लिया गया है। रिपोर्ट भी एनएच के दफ्तर पहुंच गई है। अब संबंधित विभाग डीपीआर तैयार करने में जुट गया है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि लगभग दस मीटर स्पान के बनेंगे। रोड की रोड की चौड़ाई करीब सात मीटर रहेगी। दोनों नए पुल बन जाने से जहां हाईवे पर जाम से निजात मिलेगी वहीं दुर्घटना की आशंका भी कम हो जाएगी। विभागीय अधिकारियों ने साफ कहा कि हाइवे को ज्योलीकोट से खैरना तक टू लेन किए जाने की प्रक्रिया भी गतिमान है। फिलहाल दोनों नए पुल निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है ताकि भविष्य के संभावित खतरे को टाला जा सके।
ब्रितानी दौर के हैं दोनों सेतु
हाईवे पर रामागढ़ व द्वार पुल ब्रितानी दौर के पुल हैं। वर्षों पुराने पुल की बुनियाद आज भी अखम है पर समय की मार से पुल का उपरी हिस्सा कई जगह छतिग्रस्त हो चुका है। दोनो पुलो की चौड़ाई काफी कम होने से हाइवे पर दोनों पुलों पर लंबा जाम भी लग जाता है। नए पुल अस्तित्व में आने से जाम से भी निजात मिल सकेगी।