◾ कई चक्कर लगाने के बाद उपलब्ध हो रहा राशन
◾ बायोमेट्रिक प्रणाली में रुकावट बन रहा नेटवर्क
◾ उपभोक्ताओं ने उठाई व्यवस्था में सुधार की मांग
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
सरकार ने खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकने व जरूरतमंद को राशन उपलब्ध कराने के लिए बायोमेट्रिक ढंग से राशन वितरण की योजना बनाई पर अब गांवों में नेटवर्क की समस्या होने से लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है उपभोक्ताओं के अनुसार कई चक्कर लगाने के बाद बमुश्किल राशन उपलब्ध हो पा रहा है जिसमें काफी समय की भी बर्बादी हो रही है। ग्रामीणों ने व्यवस्था में सुधार की पुरजोर मांग उठाई है।
राशन वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने कालाबाजारी रोकने व जरूरतमंद को राशन उपलब्ध कराने के मकसद से बायोमेट्रिक तरीके से राशन वितरण का खाका तैयार किया गया। प्रत्येक राशन डीलर को उपभोक्ताओं के अंगूठे के निशान के बाद ही राशन उपलब्ध कराया जा रहा है पर बेतालघाट ब्लॉक के तमाम गांवों में नेटवर्क की समस्या से उपभोक्ता परेशान हो चुके हैं। ग्रामीण गांवों में स्थित सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान में समय पर राशन लेने तो पहुंचते हैं पर नेटवर्क एक बढ़ीं समस्या बन जाती है। नेटवर्क की समस्या से बायोमेट्रिक प्रणाली से कार्य नहीं हो पाता और उपभोक्ताओं को बगैर राशन लिए वापस लौटना पड़ता है।जजूला गांव के दिनेश फुलारा के अनुसार सस्ते गल्ले की दुकान के कई चक्कर काटने के बाद बामुश्किल राशन उपलब्ध हो पाता है। ये समस्या तमाम गांवों में सामने आ रही है। ग्रामीणों ने समस्या का समाधान करने की मांग उठाई है ताकी लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़ें। संबंधित विभाग की पूर्ति निरीक्षक अनिता पंत के अनुसार समस्याओं के समाधान को गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है। उपभोक्ताओं को परेशानी न हो इसके लिए बेहतर कदम उठाए जा रहे हैं।