= देवदूत की भूमिका निभाने वाले जवानों की हुई जय जयकार
= पूर्व सैनिक की पत्नी ने जवानों को लगाया तिलक

(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

आपदा प्रभावित क्षेत्र में देवदूत की भूमिका में उतर करीब 90 लोगों की जान बचाने वाले एनडीआरएफ के जवानों की रवानगी पर तिलक चंदन लगाकर स्वागत किया गया। पूर्व सैनिक की पत्नी ने जवानों को आशीर्वाद दिया। लोगों ने एनडीआरएफ को जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया।

18 व 19 अक्टूबर की रात को उठे जल प्रलय से क्षेत्रवासी दहशत में आ गए। एनडीआरएफ के जवानों ने मोर्चा संभाला। छडा़, खैरना, लोहाली, कैंची आदि क्षेत्रों में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित रेस्क्यू कर राहत शिविर में पहुंचाया। बाद में खाद्य व रसद सामग्री भी आपदा प्रभावितों तक पहुंचाई गई।आपदा के दौरान घायल व बीमार लोगों को कंधे पर लाद अस्पताल तक पहुंचाया। सोमवार को एनडीआरएफ की आठवी वाहिनी के 18 सदस्यों ने ऑपरेशन पूरा कर वापसी की राह पकडी़ तो स्थानीय लोगों के साथ पूर्व सैनिक की पत्नी कांति देवी ने सभी जवानों को तिलक चंदन लगाया। लोगों ने जवानों पर फूल बरसा कर स्वागत किया। कहा कि एनडीआरएफ के जवानों ने कई लोगों की जान बचाई है। इस दौरान वीरेंद्र सिंह बिष्ट, विशन जंतवाल, दीवान सिंह, फिरोज अहमद, नंदन सिंह बिष्ट, महेंद्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।