= पहले कोरोना संकट ने तोड़ दी कमर
= अब मूसलाधार बारिश के बाद खेतों में ही चौपट हो गई उपज
= टमाटर व शिमल की खेती बर्बाद
(((नीरजा साह की रिपोर्ट)))
पहाड़ के किसान पर चौतरफा मार पड़ी है। हाड़तोड़ मेहनत कर खेतों में टमाटर तथा शिमला मिर्च की बुवाई की गई। टमाटर के बर्बाद होने तथा शिमला मिर्च की उपज चौपट हो जाने से किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। लोगों ने कास्तकारों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है।
पिछले वर्ष से ही किसानों की किस्मत साथ नहीं दे रही। लॉकडाउन के चलते बड़ी मंडियों तक उपज न पहुंच पाने से किसानों की फसल खेतों में ही बर्बाद हुई। उसके बाद कुछ संभले ही थे कि एकाएक दूसरी लहर संक्रमण रोकने को लगाए गए कोरोना कर्फ्यू ने भी नुकसान पहुंचा दिया। इसके बाद भी किसानों ने खेतों को रुख किया तो समय पर बारिश ना होने से कई फसलों की बुवाई नहीं हो सकी। सब कुछ ठीक होने की उम्मीद में किसानों ने एक बार फिर अप्रैल माह में खेतों में शिमला मिर्च तथा टमाटर की बुवाई की। हाड़तोड़ मेहनत की गई। जंगली जानवरों से भी उपज को बचाने के लिए दिन रात एक किया पर मूसलाधार बारिश ने किसानों के सपने चकनाचूर कर डाले है। ताडी़खेत ब्लॉक के तिपौला,टूनाकोट, मंडलकोट, लछीना,मनारी, पातली, खुशालकोट बेतालघाट ब्लॉक के सिमलखा, हरोली, बजेडी़, धनियाकोट, सिल्टोना, ब्यासी, दड़माडी आदि तमाम गांवों में टमाटर व शिमला मिर्च की उपज को काफी नुकसान पहुंचा है। टमाटर की उपज सड़कर खेतों में ही बर्बाद हो रही है जबकि मूसलाधार बारिश ने शिमला मिर्च के पौधे नष्ट कर डाले है। ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। लोगों ने विभागीय अधिकारियों से तत्काल बर्बाद हुई फसल का मुआयना कर किसानों को उचित मुआवजा वितरित किए जाने की मांग उठाई है।