= हली हरतपा मोटर मार्ग पर छह माह पूर्व किया गया डामरीकरण ध्वस्त
= ग्रामीणों ने उठाई उच्च स्तरीय जांच की मांग
= विभाग पर लगाया उपेक्षा का आरोप
(((दलिप सिंह नेगी/हरीश चंद्र/मनीष कर्नाटक की रिपोर्ट)))
ग्रामीण सड़के बजट ठिकाने लगाने का जरिया बन चुकी है। डामरीकरण के नाम पर लीपापोती की जा रही है। कुछ ही समय बाद सड़कें दम तोड़ रही हैं ग्रामीणों ने गुणवत्ता विहीन डामरीकरण की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। चेताया है कि यदि उपेक्षा की गई तो फिर सड़क पर उतर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
कैंची धाम से हली, हरतपा समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाले मोटर मार्ग की हालत खस्ताहाल हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि बीते मार्च में ही लाखों रुपये की लागत से मोटर मार्ग पर डामरीकरण किया गया पर गुणवत्ताविहीन कार्यों के चलते अब लाखों की लागत से किया गया डामरीकरण दम तोड़ने लगा है। जगह-जगह गड्ढे गुणवत्ता विहीन डामरीकरण की हकीकत बयां कर रहे हैं। हाथ से ही डामर उखड़ जा रहा है। कई बाइक सवार रपट कर चोटिल भी हो चुके हैं। आरोप लगाया की डामरीकरण के वक्त भी विभागीय अधिकारियों से गुणवत्ता का ध्यान रखने की बात कही गई पर बावजूद अनदेखी कर दी गई। अब लाखों का डामर दम तोड़ चुका है। मुनाफे के फेर में सरकारी बजट की बर्बादी की गई है। ग्रामीणों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग उठाई है। गांव के रमेश सती, कैलाश सती, चंद्र बल्लभ सती, दिनेश चंद्र आदि लोगों ने विभाग पर गुणवत्ता विहीन कार्य कराए जाने का आरोप लगाया है। दो टूक चेताया कि यदि मामले की उच्चस्तरीय जांच के साथ ही मोटर मार्ग जल्द दुरुस्त नहीं किया गया तो ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन शुरू किया जाएगा।