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गरमपानी : सुदूर गांवों में कोरोना संकट के बीच ग्रामीण पानी को भी तरस रहे हैं। हालात बिगड़ते जा रहे हैं। अब बाहरी राज्यों व महानगरों से गांव पहुंचे प्रवासियों ने भी परिवार के लिए पानी जुटाने की कमान संभाल ली है। खुशालकोट गांव पहुंचे तमाम प्रवासी गांव से पंद्रह किलोमीटर दूर पातली स्थित स्रोत से गांव तक पानी पहुंचाने में जुटे हुए हैं।
रानीखेत खैरना स्टेट हाइवे से सटे खुशालकोट गांव के ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। गांव के करीब सौ से ज्यादा परिवारों को शेर विद्यापीठ पंपिंग पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है पर लोगों को पानी की बूंद तक नसीब नहीं हो रही। मजबूरी में अब सुदूर राज्यों तथा महानगरों से कोरोना संकट के चलते वापस गांव पहुंचे प्रवासियों ने परिवार के लिए पानी जुटाने का जिम्मा उठा लिया है। प्रवासी वाहन में बर्तन रख गांव से पंद्रह किमी दूर पातली बाजार पहुंच रहे हैं जहां प्राकृतिक जल स्रोत से पानी भरने के बाद वाहनों के जरिए गांव तक पहुंचाया जा रहा है। बालम नेगी, महेंद्र सिंह, जोधा सिंह, कुंवर सिंह, बालम सिंह, अभिषेक सिंह, चंदन सिंह, वीरेंद्र सिंह आदि लोगों ने जल संस्थान पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि बिल देने के बावजूद पानी की बूंद तक नसीब नहीं हो रही अब लोगों ने संबंधित विभाग के खिलाफ आंदोलन का मन बना लिया है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि जल्द व्यवस्था में सुधार ना हुआ तो आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इधर जल संस्थान के अवर अभियंता संदीप आर्या के अनुसार पेयजल आपूर्ति कहां बाधित हुई इसके लिए लाइनमैन को दिशा निर्देश दिए जाएंगे। जल्द ही पेयजल आपूर्ति सुचारू की जाएगी।