= आपदा को छह माह बीतने के बावजूद सुध न लेने से रोष
= स्टेट व नेशनल हाईवे का दर्जा होने के बावजूद हालात बदतर
= संबधित विभागो पर लगाया उपेक्षा का आरोप, सुध न लेने पर आंदोलन का ऐलान
(((हरीश चंद्र/पंकज भट्ट/कमल बधानी/पंकज नेगी की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे तथा रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे की बदहाली से व्यापारियों का पारा चढ़ने लगा है। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि आपदा को छह माह बीतने के बावजूद तमाम पर्वतीय क्षेत्रों को जोड़ने वाले नेशनल व स्टेट हाईवे पर मरम्मत के नाम पर कुछ भी नहीं किया जा सका है। पर्यटक सीजन भी शुरू होने को है बावजूद कोई सुध नहीं ली जा रही। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि यही हालात रहे तो आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।
अक्टूबर में हुई मूसलाधार बारिश से जगह-जगह क्षतिग्रस्त हुए महत्वपूर्ण अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे तथा रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे की मरम्मत को सुध न लिए जाने से व्यापारियों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। प्रांतीय नगर उद्योग व्यापार मंडल से जुड़े व्यापारियों ने संबंधित विभागों पर उपेक्षा का आरोप लगाया है। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष पूरन लाल साह ने आरोप लगाया है कि आपदा को छह माह का समय बीत जाने के बावजूद महत्वपूर्ण स्टेट व नेशनल हाईवे की सुध नहीं ली जा रही है। जगह-जगह दुर्घटना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। पर्यटक सीजन शुरू होने को है बावजूद मार्ग बदहाली का दंश झेल रहे हैं। ऐसे में पर्यटक भी पर्वतीय क्षेत्रों को आने में कतराएंगे जिससे व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ेगा। व्यापारियों ने संबंधित विभागों के ढुलमुल रवैया पर गहरा रोष जताया है। संगठन के संगठन से जुड़े व्यापारी नेता कुबेर सिंह जीना, मदन मोहन सुयाल, विरेंद्र सिंह बिष्ट, भैरव नैनवाल, फिरोज अहमद, महिपाल सिंह बिष्ट, दीपक बिष्ट, विक्रम सिंह, गजेंद्र नेगी, कन्हैया लाल साह, विक्रम सिंह, नंदन बिष्ट, अंकित सुयाल, मनीष कर्नाटक आदि व्यापारियों ने दो टूक चेताया है कि यदि समय रहते रानीखेत खैरना स्टेट हाईवे तथा अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे को दुरुस्त नहीं किया गया तो फिर संबंधित विभागों के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।