= वाहनों के जरिए गांवो में हो रही पानी की आपूर्ति

(((पंकज नेगी/सुनील मेहरा/पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))

गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है पर ऐसे में लोहाली गांव का प्राकृतिक धारा गांव के लोगों के लिए जीवन रेखा बन गया है। रोजाना तमाम गांवों को पानी की आपूर्ति कि जा रही है।
दूरस्त गांवों में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। हालात इस कदर खराब है कि ग्रामीण कई किलोमीटर दूर से सिर पर पानी ढोने को मजबूर हैं। प्राकृतिक जल स्रोतों में भी पानी सूख चुका है। दस लीटर पानी के लिए घंटो लाइन में लगना पड़ रहा है। बलियाली, नौडा़, चापड़, खुशालकोट, हिडा़म, कनार, बजीना आदि तमाम गांव के लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। इस बीच अल्मोड़ा भवाली राजमार्ग पर स्थित लोहाली क्षेत्र में प्राकृतिक जलस्रोत ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रहा है। रोजाना डंपरो में टंकियों रख गांवों तक पानी पहुंचाया जा रहा है। वाहन चालक एक दिन में दो से तीन बार प्राकृतिक जल स्रोत से पानी गांव तक पहुंचा रहे हैं। कोरोना संक्रमण के चलते महानगरों व अन्य राज्यों से भी प्रवासी गांव को लौट चुके हैं जिस कारण गांवों में पानी की खपत दोगुनी हो चुकी है। जल संस्थान के अधिकारियों के अनुसार रोजाना कई हजार लीटर पानी की आपूर्ति तमाम गांवों को की जा रही है।