◾ जिम्मेदार बेपरवाह, कभी भी सामने आ सकती है बढ़ीं घटना
◾सुयालबाडी़- ढोकाने – बिजखाली मार्ग पर गहराती जा रही दरारें
◾ जान जोखिम में डाल आवाजाही को मजबूर गांवों के वासिंदे

((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

ग्रामीण सड़कों को दुरुस्त करने के लाख दावे किए जाएं पर धरातल पर दावे खोखले साबित हो रहे हैं। हाईवे से तमाम गांवो समेत सुप्रसिद्ध ढोकाने वाटर फॉल को जोड़ने वाला मोटर मार्ग बदहाली का दंश झेल रहा है। भूधंसाव की जद में आए मोटर मार्ग पर लगातार दरारें चौड़ी होती जा रही है पर कोई सुधलेवा नहीं है। ऐसा लगता है मानो किसी बड़ी घटना का इंतजार किया जा रहा हो। गांवों के वासिंदे जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर हैं।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे से छिमी, ढोकाने, सुयालगाढ़ बिचखाली, टीकुरी, बांज, रौलखेत, पाथरी समेत तमाम गांवों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण सुयालबाडी़ – ढोकाने- छिमी मोटर मार्ग बदहाली का दंश झेल रहा है। कदम कदम पर गड्डे परेशानी का सबब बन चुके हैं तो वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सुयालबाडी़ के ठिक नीचे लगभग चार सौ मीटर दायरे में भूधंसाव के कारण मार्ग पर दरारे गहरा गई है। लगातार दरारों के चौडा़ होने से हादसो का खतरा की गुना बढ़ गया है। बावजूद कोई सुध लेवा नहीं है जबकी हाईवे के बंद होने पर लोग इस मार्ग का विकल्प के तौर भी इस्तेमाल करते हैं। मोटर मार्ग पर खतरा बढ़ने से गांवों के लोगों को जान जोखिम में डाल आवाजाही करनी पड़ रही है। रात के वक्त जोखिम कई गुना बढ़ जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया की कई बार मोटर मार्ग को दुरुस्त करने की मांग उठाई जा चुकी है पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। जिम्मेदारों की कुंभकरणीय नींद टूटने का नाम नहीं ले रही जबकी लगातार मोटर मार्ग के अस्तित्व पर खतरा बड़ते ही जा रहा है। व्यापारी नेता कुबेर सिंह जीना, मोहन सिंह, बची राम, मदन सिंह, सतीश सिंह, रमेश चंद्र आदि ने दरक रहे मोटर मार्ग को दुरुस्त करने की पुरजोर मांग उठाई है।