= लगातार बदलते मौसम से घट रहा उत्पादन
= योजना बनी तो लाभान्वित होंगे डेढ़ सौ से ज्यादा काश्तकार
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/हरीश चंद्र की रिपोर्ट)))
गांव के समीप समुचित पानी होने के बावजूद किसान वर्षा आधारित खेती को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने लिफ्ट सिंचाई योजना बनाए जाने की पुरजोर मांग उठाई है ताकि काश्तकारों को लाभ मिल सके।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से सटे डूंगरा, जाला, अलमियाकांडा गांव के करीब डेढ़ सौ से ज्यादा किसान खेतीबाड़ी करते हैं। सिरौता नदी के समीप बेहतर उत्पादन होता है पर गांव से सटी भूमि पर वर्षा आधारित खेती होती है। जिससे कई बार किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। लगातार बदलते मौसम से गोभी, शिमला मिर्च, टमाटर आदि की खेती प्रभावित होती है। बैंक से ऋण लेकर खेती किसानी करने वाले काश्तकारों को दोतरफा नुकसान उठाना पड़ता है। मौसम के बदलते मिजाज से खेती प्रभावित हो जाती है। ग्रामीणों के अनुसार यदि गांव के ठीक नीचे बहने वाली सिरौता नदी से लिफ्ट सिंचाई योजना का निर्माण कर दिया जाए तो काफी हद तक किसानों को इसका लाभ मिलेगा। स्थानीय डूंगर सिंह, बची सिंह, प्रकाश ढौडियाल, गणेश बिष्ट आदि ग्रामीणों ने सिरौता नदी से गांव तक लिफ्ट सिंचाई योजना निर्माण की पुरजोर मांग उठाई है ताकि गांव के किसान लाभान्वित हो सकें।