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= सीएचसी बेतालघाट में दो तथा पीएचसी कालाखेत में फार्मेसिस्ट का पद रिक्त
= विभागीय दिक्कतों के साथ स्थानीय लोगों को भी करना पढ़ रहा दिक्कतों का सामना
(((शेखर दानी/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))

प्रदेश सरकार व उसके नुमाइंदे पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के लाभ दावे करें पर धरातल में दावे खोखले साबित हो रहे हैं। तीसरी लहर से नौनिहालों को बचाने के लिए गांवों में विशेषज्ञ चिकित्सक तो छोड़िए फार्मासिस्ट ही नहीं है। सीएसचसी बेतालघाट में फार्मासिस्ट के दो पद रिक्त पड़े हुए हैं। बमुश्किल आसपास के अस्पतालों से फार्मेसिस्ट के भरोसे सीएचसी संचालित किया जा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालाखेत में भी फार्मेसिस्ट का पद रिक्त पड़ा है।
पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के हाल भी अजब गजब है। अस्पताल तो खोले गए हैं। विभागीय कर्मचारियों के चलते लोगों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। बेतालघाट अस्पताल में समुचित चिकित्सकों की कमी से लोगों को दूरदराज के अस्पतालों को रुख करना पड़ता है वहीं अस्पताल में फार्मासिस्ट के दो पदों पर एक भी फार्मेसिस्ट की तैनाती नहीं है। वर्ष 2016 से तबादले के बाद फार्मासिस्ट का एक पद तो दूसरा जनवरी 2021 से सेवानिवृत्ति के बाद से रिक्त है। बमुश्किल आसपास के अस्पतालों से रोटेशन के आधार पर सीएचसी में तैनाती की जाती है। ऐसे में विभागीय दिक्कतों के साथ ही लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कालाखेत में भी फार्मेसिस्ट का पद रिक्त पड़ा हुआ है। लोगों ने तत्काल पदो के सापेक्ष फार्मेसिस्टो की तैनाती किए जाने की मांग उठाई है। इधर चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत के अनुसार रोटेशन के आधार पर बेतालघाट में कार्य करवाया जा रहा है। बताया कि उच्चाधिकारियों को पत्राचार किया जा चुका है।