🔳 स्वास्थ्य सचिव व निदेशक को करेंगे पत्राचार
🔳 आरटीओ को सौंपी जाएगी खस्ताहाल वाहनों की जांच का जिम्मा
🔳 जांच रिपोर्ट मिलने के बाद 108 प्रबंधन पर होगी कार्रवाई
🔳 लापरवाह रवैए पर नपेंगे प्रबंधन के कर्मचारी
[[[[[[[[[[ टीम तीखी नजर की रिपोर्ट ]]]]]]]]]]]
आपातकालीन 108 वाहनों की खस्ताहालत की भेंट चढ़ी दो जिंदगियों से जहां गांवों के लोगों में गहरा रोष व्याप्त है वहीं मामले में कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने भी सख्त रुख अपना लिया है। आयुक्त ने वाहनों की जांच आरटीओ को सौंपने तथा जांच रिपोर्ट के बाद लापरवाह प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई का दावा किया है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश व निदेशक स्वास्थ्य को पत्राचार करने की बात कही है। साफ कहा की जनहित से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पर्वतीय क्षेत्रों में पहले ही स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती न होने तथा बेहतर सुविधाओं के अभाव में अधिकांश अस्पताल हायर सेंटर बन चुके है बीते दिनों बेतालघाट ब्लॉक के धनियाकोट गांव निवासी जगमोहन सिंह की 108 वाहन के समय पर उपलब्ध न होने से मौत हो चुकी है। जगमोहन को लेने सीएचसी सुयालबाडी से गरमपानी को रवाना हुआ वाहन रातें में ही खराब हो गया था। घंटो बाद जगमोहन को सरकारी अस्पताल से हल्द्वानी ले जाया गया पर हल्द्वानी में जगमोहन ने दम तोड़ दिया। बीते शनिवार को रामगढ़ ब्लॉक के दियारी गांव के ललित कुमार को लेने पहुंचा वाहन का स्टेयरिंग फेल हो गया। स्वजन निजी वाहन से ललित को बेस अस्पताल अल्मोड़ा लेकर पहुंचे पर ललित जिंदगी की जंग हार गया। 108 वाहनों की खस्ताहालत लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ रही है पर स्वास्थ्य विभाग व 108 सेवा प्रबंधन लापरवाह बना हुआ। मामले के सामने आने पर कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत ने भी गहरी नाराजगी जताई है। पूरे मामले की जांच के बाद कार्रवाई का दावा किया है। साफ कहा है की लापरवाह रवैया अपनाने वाले बक्से नहीं जाएंगे। कुमाऊं आयुक्त के अनुसार स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश तथा डायरेक्टर को पत्राचार किया जाएगा। वाहनों की हालत की जांच आरटीओ से करवाई जाएगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद प्रबंधन पर निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी। नए वाहनों के संचालन के लिए भी निर्देशित किया जाएगा।
विभागीय लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे स्थानीय लोग
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर स्थित सीएचसी सुयालबाडी तमाम गांवों के मध्य में स्थित है। हजारों लोग अस्पताल पर निर्भर है। हाईवे पर दुर्घटना होने पर घायलों को उपचार के लिए भी सुयालबाड़ी अस्पताल पहुंचाया जाता है पर मरीजों को लाने ले जाने को उपलब्ध 108 सेवा वाहन की खस्ताहाल स्वास्थ्य विभाग व 108 प्रबंधन की कार्यप्रणाली की हकीकत बयां कर रही है। वर्षों पुराने वाहनों के संचालन से जहां मरीजों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है वहीं वाहन चालकों व स्वास्थ्य कर्मी की जान भी ख़तरे में रहती है। एक के बाद एक मामले सामने आने के बावजूद जिम्मेदार अफसरों के सुध न लेने से खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। विभागीय लापरवाही से स्थानीय लोगों में भी नाराजगी बढ़ने लगी है। क्षेत्रीय जन विकास संघर्ष समिति से जुड़े पदाधिकारियों व सदस्यों ने जल्द व्यवस्था में सुधार न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।