= कई जगह दो हिस्सों में बंट गया हाईवे तो कई जगह कोसी नदी में समा गया कई सौ मीटर हिस्सा
= तबाही का ऐसा मंजर देख हर कोई सख्ते में
= रोजमर्रा की चीजों के लिए पैदल ही दूरी नाप रहे आसपास के गांवों के लोग
(((मनीष कर्नाटक/दीपू लटवाल/भाष्कर आर्या की रिपोर्ट)))
बीते दिनों की मूसलाधार बारिश ने खूब तबाही मचाई। कई घर जमींदोज हो गए तो कई लोग मौत के मुंह में जा समाए।वही कुमाऊं की लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे भी जगह-जगह ध्वस्त हो गया। गहरी हो चुकी दरारें कोसी के उफान से तबाई की गवाही दे रही हैं हाईवे को दोबारा अस्तित्व में आने में काफी समय लगने की संभावना है।
कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर भोर्या बैंड, लोहाली, जोरासी, मर्नसा, सुयालबाडी़, काकडीघाट आदि तमाम क्षेत्रों में जगह-जगह हाईवे पर दरारें गहरी हो चुकी हैं। लोहाली क्षेत्र में कई सौ मीटर हिस्सा बह चुका है वही भोर्या बैंड भी भूधंसाव की जद में है। वही लगातार पहाड़ी से गिरता मलवा बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है। आसपास के गांवों के लोग रोजमर्रा की चीजों के लिए पैदल ही गरमपानी मुख्य बाजार पहुंच रहे हैं। जान जोखिम में डाल मलबे को पार कर परिवार के लिए रोजमर्रा की जरूरत की चीजें घर तक पहुंचाना मजबूरी बन चुका है। सुयालबाडी़ निवासी मदन सुयाल के अनुसार जिंदगी में इतनी बड़ी तबाही कभी नहीं। ग्रामीणों ने भी तत्काल मोटर मार्ग को खोले जाने की मांग की है ताकि गांवों में रसद आदि की आपूर्ति हो सके।
गांवो में बिगड़े हालात
गांव में भी बारिश ने खूब तबाही मचाई है। लोगों के घर हवा में लटक रहे हैं। खेतीबाड़ी चौपट हो चुकी है। कई मवेसी मलबे में दबे पड़े हैं। जजूला, जोग्याडी़, धारी, उल्गौर, थुआ ब्लाक आदि तमाम क्षेत्रो में अभी भी कई मवेशियों के दबे होने की सूचना है। नदी नाले अभी भी उफान पर है। ग्रामीणों के अनुसार गांव की स्थिति भी बेहद खराब है। बिजली, पानी व्यवस्था कई दिनों से चौपट है।
नौनिहालों की पढ़ाई भी प्रभावित
क्षेत्र के विद्यालयों को जाने वाले रास्ते भी टूट चुके हैं। सरस्वती शिशु मंदिर खैरना को जाने वाला संपर्क मार्ग ध्वस्त हो चुका है जिससे 280 विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो गई है वहीं गरमपानी क्षेत्र में स्थित एक कॉन्वेंट विद्यालय के परिसर को काफी क्षति पहुंची है ऐसे में अब विद्यालय प्रबंधन ने दोबारा ऑनलाइन पढ़ाई का निर्णय लिया है।