= मैं सिर्फ चुनाव कैम्पेन का अध्यक्ष
= उधर दिल्ली में नेता दे रहे थे एकजुटता का संदेश
= इधर देहरादून में रण का मैदान बना था कांग्रेस कार्यालय देखे विडियों

(((नैनीताल से तनुजा बिष्ट की रिपोर्ट)))

आखिरकार कांग्रेस आलाकमान में हरदा का दबाव काम आ गया। दिल्ली में आलाकमान के साथ बैठक के बाद हरीश रावत ने खुद अब मीडिया के सामने आकर कहा कि वो चुनाव कैम्पेन को लीड करेंगे और मुख्यमंत्री पर फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा।
दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नाराजगी के सवाल पर फिर अपने अंदाज में कहा कि कदम कदम बढ़ाए जा कांग्रेस के गीत गाये जा ये जिंदगी है उत्तराखंड की उत्तराखंड पर लुटाए जा। वहीं हरीश रावत ने कहा की कैम्पेन कमेटी के तौर पर वो काम करेंगे और सभी उनका सहयोग करेंगे।

देहरादून में मारपीट

उधर सभी बड़े नेता दिल्ली में गुटबाजी खत्म करने के लिए एक साथ होने का संदेश दे रहे
वहीं प्रीतम और हरीश गुट लड़ पड़े। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह को कांग्रेस भवन में पीटा गया। बताने वाले बता रहे हैं कि जिन्होंने पीटा है वह हरीश रावत के समर्थक कहे जा रहे हैं हालांकि हम इस बात की पुष्टि नहीं करते आपको बता दें जबसे हरीश रावत ने ट्वीट कर प्रदेश प्रभारी पर सवाल खड़े किए हैं तो उनके समर्थक खासे एग्रेसिव नजर आ रहे हैं। वही राजेंद्र शाह सोशल मीडिया में हरीश रावत और ऐसे कांग्रेसी नेताओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं जो प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ सोशल मीडिया में अनाप-शनाप बातें लिख रहे हैं। राजेंद्र शाह के साथ मारपीट अब से थोड़ी देर पहले कांग्रेस भवन में हुई है। आपको बता दें इससे पहले भी कई बार राजेंद्र शाह के साथ मारपीट की वारदात हो चुकी हैं बताने वाले बता रहे हैं कि राजेंद्र शाह द्वारा अभद्र भाषा का प्रयोग किए जाने के बाद युवक भड़क गए और जमकर राजेंद्र शाह को पीट दिया। राजेन्द्र शाह ने फेसबुक पर लिखा की कांग्रेस के मेरे साथियों पिछले 12 घंटों से लगातार देवेन्द्र यादव, प्रभारी उत्तराखंड के खिलाफ कुछ लोग अनर्गल व अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर निकलकर टिप्पणियों की बौछार कर रहे हैं जो बिल्कुल अनुचित है जब से उन्होंने प्रदेश का प्रभार संभाला है तब से लगातार पूरे प्रदेश के दूरस्त इलाकों में घूम घूम कर हर कांग्रेस के साथी के साथ मिलकर कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं । उत्तराखंड में पहली बार किसी प्रभारी को जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए देख रहा हूँ जिसका असर भी स्पष्ठ धरातल पर नजर आ रहा है। इससे पहले भी बहुत प्रभारी आते थे सुबह बात की शाम को दिल्ली वापिस ? राहुल गाँधी जी की रैली के बाद जो कांग्रेस का वातावरण पूरे प्रदेश में बना था इन तमाम बयानों से वो खत्म हो रहा है