◼️ विभागीय उपेक्षा का खामियाजा उठा रहे गांवों के लोग
◼️ बदहाल सड़कों पर बना जगह-जगह दुर्घटना का खतरा
◼️ मोटर मार्गो की सुध न लेने पर ग्रामीणों में नाराजगी

(((टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

पहाड़ में मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहे लोगों के लिए गांवो की सड़कें बड़े खतरे का सबब बन चुकी हैं। ग्रामीण सड़कों की हालत बद से बदतर होने के बावजूद कोई सुध नहीं ली जा रही। ऐसा लगता है मानो विभागीय अधिकारी किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। सड़कों की बदहाली से क्षेत्रवासी में भारी नाराजगी है।
गांव की सड़कों में ग्रामीण जान हथेली पर रख आवाजाही को मजबूर है सही सलामत घर पहुंचने पर ही राहत की सांस ले रहे हैं। सड़कों की दयनीय स्थिति विभागीय अधिकारियों की कार्यशैली उजागर कर रही है। शहीद बलवंत सिंह भुजान – वर्धो, सिल्टोना – ब्यासी, रातीघाट – कफूल्टा – बारगल, हली – हरतपा समेत तमाम ग्रामीण मोटर मार्गो की स्थिति बदहाल है जगह-जगह भूधंसाव से खतरा कई गुना बढ़ चुका है वही मोटर मार्गो से सटी पहाड़ियों से भूस्खलन होने से दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार मोटर मार्गो को दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई जा चुकी है पर विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं। ग्रामीण सड़कों के सुधारीकरण को कोई कार्य नहीं किया जा रहा जिसका खामियाजा गांव के लोग भुगत रहे हैं। ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव शेखर दानी, भास्कर गजरौला, हरीश गिरी, कुंदन नेगी, पूरन लाल साह, वीरेंद्र बिष्ट, महेंद्र सिंह आदि लोगों ने मोटर मार्गो की हालत में सुधार किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है। दो टूक चेतावनी दी है कि यदि गांव की उपेक्षा की गई तो फिर ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया जाएगा।