= ग्रामीणों ने लगाया गुणवत्ता विहीन कार्य का आरोप
= जल्द सिंचाई नहर को दुरुस्त करने की उठाई मांग
(((सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
कुंजगढ़ घाटी में सिंचाई नहर बारिश से उफनाई नदी का शुरुआती झटके ही नहीं झेल सकी। काश्तकारों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनाई गई नहर धराशाई हो गई। ग्रामीणों ने गुणवत्ता विहीन कार्य का आरोप लगा मामले की जांच की मांग उठाई।
किसानों के खेतों को पानी पहुंचाने को कुंजगढ़ नदी से सिंचाई नहर का निर्माण किया गया पर बारिश के साथ नदी के वेग के शुरुआती झटके में ही नहर ने दम तोड़ दिया है। टुनाकोट, चापड़, पातली आदि तमाम गांवों के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने को बनी नहर जवाब दे गई है। नहर का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे किसानों में गहरा रोष व्याप्त है। काश्तकारों ने नहर निर्माण में गुणवत्ता का अभाव बता मामले की जांच की मांग उठाई है। साफ कहा है कि गुणवत्ता युक्त कार्य किया गया होता तो नहर निश्चित रूप से बारिश व नदी का वेग झेलती पर नहर क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिससे भविष्य में किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय प्रताप सिंह, रामगिरी, गोधन सिंह, प्रताप सिंह, दीपक सिंह, पूरन सिंह, गोपाल सिंह, गोविंद राम, खुशाल सिंह, हीरा सिंह, श्याम सिंह आदि लोगों ने नहर के पुनर्निर्माण की मांग उठाई है।