= हरकत में प्रशासन
= जल संस्थान के अधिकारियों को दिए गए निर्देश
(((हरीश चंद्र/पंकज भट्ट/दीपू लटवाल की रिपोर्ट)))
सुयालबाडी़ समेत आसपास के गांवों में टाइफाइड के मरीजों की संख्या से अब प्रशासन भी हरकत में आ गया है। एसडीएम ने जल संस्थान को सभी गांवों में पेयजल आपूर्ति दुरुस्त करने तथा सार्वजनिक टैकों की साफ सफाई कराने के निर्देश दे दिए है।
बीते 18 व 19 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश के बाद जगह-जगह भूस्खलन ने तबाही मचाई। कई सिंचाई व पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गई। गांवों के रास्ते व सड़क भी ध्वस्त कर डाले। पेयजल योजनाओं के ध्वस्त होने से ग्रामीण नदी नालों का पानी पीने को मजबूर हो गए। जिसके चलते दूषित पानी लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालने लगा। सुयालबाडी़ व आसपास के क्षेत्रों में टाइफाइड के मरीजों में वृद्धि होने लगी। ऐसे में प्रशासन ने भी कमान संभाल ली है। एसडीएम राहुल शाह ने जल संस्थान के अधिकारियों को तत्काल गांव में पेयजल योजनाएं दुरुस्त करने के साथ ही सार्वजनिक टैंको की साफ-सफाई व क्लोरीन की गोलियां मिलाने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने विभागीय अधिकारियों को रोजाना रिपोर्ट देने को कहा है।
गांवो में भारी पेयजल संकट
समीपवर्ती काकडी़घाट क्षेत्र में भी पेयजल व्यवस्था ठप है। पानी का संकट बना हुआ है। करीब तीस परिवारो के साथ ही हॉस्पिटल, बैंक, पटवारी चौकी तथा उद्यान विभाग के कार्यालय में पेयजल संकट है। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। मजबूरी में नदी का पानी पीना मजबूरी बन चुका है। स्थानीय महेंद्र सिंह कनवाल ने तत्काल पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है। इधर सुयालबाडी़ के समीपवर्ती चांफा गांव में भी पेयजल संकट सिर चढ़कर बोल रहा है। ग्राम प्रधान पति कमल नेगी के अनुसार ग्रामीण 18- 19 अक्टूबर के बाद ध्वस्त हुई पेयजल योजना के बाद समीपवर्ती घाट के गधेरे से अस्थाई रूप से पानी की व्यवस्था की गई है। करीब डेढ़ सौ परिवार प्रभावित हैं ग्रामीणों ने तत्काल पेयजल योजना दुरुस्त किए जाने की मांग की है।
जेएनवी में भी गहराया संकट
जवाहर नवोदय विद्यालय गंगरकोट(सुयालबाडी़) में भी पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि जल संस्थान ने मर्नसा पेयजल योजना से पानी की आपूर्ति की है पर विद्यालय स्टाफ के आने के बाद समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई। प्रधानाचार्य राज सिंह के अनुसार वर्तमान में विद्यालय स्टाफ पहुंच चुका है पर मर्नसा पेयजल योजना से समुचित पानी नहीं मिल पा रहा। प्रधानाचार्य के अनुसार पेयजल व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए जल संस्थान के अधिकारियों को पत्राचार भी कर दिया गया है।