= आसपास के विद्यालयों में करा रहे एडमिशन
= जीआइसी खैरना के हालात बिगड़े
= समुचित शिक्षकों की तैनाती ही नहीं

(((हरीश चंद्र/फिरोज अहमद/पंकज भट्ट की रिपोर्ट)))

राजकीय इंटर कॉलेज खैरना में समुचित शिक्षकों की तैनाती न होने से नौनिहाल दूरदराज के स्कूलों में रुख करने को मजबूर हैं। कभी जीआइसी खैरना के नौनिहालो का बोर्ड परीक्षाओं की वरियता सूची में दबदबा रहता था पर आज हालात उलट है।
गोविंद बल्लभ पंत राजकीय इंटर कॉलेज खैरना के हालात बदल चुके हैं। कभी बोर्ड परीक्षाओं के इंटरमीडिएट व हाईस्कूल की वरियता सूची में यहां के नौनिहालों का दबदबा रहता था यहां तक कि विद्यालय के अर्जुन सिंह ने प्रदेश की वरीयता सूची में पहला स्थान प्राप्त कर पूरे प्रदेश में क्षेत्र तथा विद्यालय का नाम रोशन किया था पर अब स्थिति बदल चुकी हैं विद्यालय में समुचित शिक्षकों की तैनाती न होने से नौनिहाल जीआइसी रातीघाट तथा जीआइसी भुजान को रुख करने को मजबूर है। यही नहीं कई बच्चे पढ़ाई के लिए दूरदराज भी जाने को मजबूर है। ऐसे में लोग परेशान हैं। महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों के ना होने से अभिभावक भी परेशान हैं। लोगों ने जल्द समुचित शिक्षकों की तैनाती की मांग उठाई है। समुचित शिक्षको की तैनाती न होने से विद्यालय में छात्र संख्या भी लगातार घटती जा रही है।