🔳खस्ताहाल मार्ग पर जान जोखिम में डाल आवाजाही बनी नियति
🔳आपदा के बाद स्थिति और ज्यादा हुई खतरनाक
🔳लगातार अनदेखी से गांवों के बाशिंदों में नाराजगी
🔳जल्द मोटर मार्ग दुरुस्त न किए जाने पर आंदोलन का ऐलान
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे से तमाम गांवों को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रातीघाट – जाख मोटर मार्ग बीस वर्ष से भी अधिक समय से डामरीकरण का इंतजार कर रहा है बावजूद कोई सुधलेवा नहीं है। गांवों के बाशिंदे जान हथेली पर आवाजाही को मजबूर हैं। आपदा के बाद हालात और ज्यादा बिगड़ चुके हैं।
महत्वपूर्ण रातीघाट मोटर मार्ग से बुधलाकोट, चौरसा, बारगल, कफूल्टा, गरजोली समेत एक दर्जन से भी अधिक गांवों के बाशिंदे आवाजाही करते हैं। गांवों के कास्तकर भी इस रोड से उपज को हाइवे तक पहुंचाते हैं। मोटर मार्ग के बदहाल होने से आवाजाही खतरनाक हो चुकी है। बीस वर्ष से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद मोटर मार्ग पर डामरीकरण तक नहीं किया जा सका है जबकि हाइवे से जाख पुल तक की दूरी महज तीन किमी है। तीन किमी मोटर मार्ग की दयनीय हालत जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली उजागर कर रही है। ग्रामीणों का आरोप है की कई बार मोटर मार्ग पर डामरीकरण व मरम्मत की कई बार आवाज उठाई जा चुकी है पर कोई सुध नहीं ली जा रही। बदहाल मोटर मार्ग पर आवाजाही ही नियती बन चुकी है। स्थानीय पूरन सिंह बिष्ट, तारा सिंह, दीपू भंडारी, गोपाल राम, गणेश राम, महेश चंद्र, किरन कुमार, आंनद, प्रताप राम, सुरेन्द्र नेगी, पान सिंह, संतोष नेगी, विजय नेगी, कुंदन सिंह, मदन सिंह आदि ने मोटर मार्ग पर डामरीकरण व मरम्मत की पुरजोर मांग उठाई है। अनदेखी पर आंदोलन की चेतावनी दी है।