= आपदा को एक माह बीत जाने के बावजूद सिंचाई नहर की नही ली सुध
= बेतालघाट ब्लाक के तिवारीगांव के किसान परेशान
= सिंचाई की वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की उठाई मांग
(((हरीश चंद्र/हरीश कुमार/भाष्कर आर्या/महेन्द्र कनवाल की रिपोर्ट)))
सिंचाई नहर को आपदा के एक महीने से भी अधिक बीत जाने के बावजूद दुरुस्त न होने से ग्रामीणों का पारा चढ़ते ही जा रहा है। जल्द नहर को दुरुस्त करने की मांग उठाई है दो टूक चेतावनी दी है की यदि जल्द नहर को दुरुस्त न किया गया तो फिर आंदोलन शुरु कर दिया जाऐगा।
बीते माह हुई मुसलाधार बारिश से बेतालघाट ब्लाक के तिवारीगांव के कास्तकारों के खेतो तक सिंचाई को पानी पहुंचाने वाली नहर जगह जगह ध्वस्त हो गई।नहर के क्षतिग्रस्त होने से किसानो के आगे खेतो की सिंचाई को बडी़ समस्या खडी़ हो चुकी है। उपज प्रभावित होने का संकट बना हुआ है। ग्राम प्रधान तिवारीगांव रोहित तिवारी ने आरोप लगाया है की एक माह बाद भी नहर क्षतिग्रस्त हालत में है। जिस कारण गांव के किसान परेशान है। कई बार आवाज उठाए जाने के बावजूद कोई सुनवाई नही हो रही। विभाग पर किसानो की उपेक्षा किए जाने का आरोप भी लगाया।कहा की किसान लगातार नुकसान झेल रहा है। पहले दो वर्ष कोरोना संकट के कारण उपज खेतो में खराब हुई फिर आपदा ने जख्म हरे टर दिए अब रही सही कसर विभागीय लापरवाही पूरी कर रही है। ग्राम प्रधान रोहित, ओम प्रकाश, जयमल सिंह, चंदन सिंह, कुलदीप कुमार, प्रेम राम, गीता देवी, इंदरा देवी, धीरज, पंकज तिवारी आदि लोगो ने नहर के दुरुस्त होने तक सिंचाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की पुरजोर मांग उठाई है।दो टूक चेतावनी भी दी है की यदि उपेक्षा की गई तो फिर गांव के किसानो को साथ ले तहसील मुख्यालय में धरना शुरु किया जाऐगा।