= कोसी नदी क्षेत्र में नियमों के पालन को मुस्तैद रही राजस्व विभाग की टीम
= पूजा अर्चना, विधि विधान से हुआ कार्यक्रम, भंडारा भी लगा
(((विरेन्द्र बिष्ट/फिरोज अहमद/सुनील मेहरा की रिपोर्ट)))
आसपास के क्षेत्र में नवरात्र में पूजा अर्चना के बाद माता की प्रतिमा कोसी नदी के समीप विसर्जित कर दी गई। इस वर्ष उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिमाओं को कोसी नदी के समीप लोडर मशीन से गड्ढा खोद रखा गया। नदियों को स्वच्छ व निर्मल बनाए रखने को बहते पानी में मूर्तियों का विसर्जन नहीं हुआ।
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आसपास के क्षेत्रों से नवरात्रि के बाद माता की मूर्तियों को नदी में विसर्जन को लाया गया। नदी क्षेत्र में पूजा-अर्चना हुई। उच्च न्यायालय के आदेश पर इस वर्ष प्रतिमाओं को नदी क्षेत्र में नदी में बहते पानी पर विसर्जित नहीं किया गया बल्कि नदी क्षेत्र से डेढ़ सौ मीटर दूर लोडर मशीन की मदद से गड्ढा खोद प्रतिमाओं को रखा गया। राजस्व विभाग की मौजूदगी में न्यायालय के आदेशों का पालन करवाया गया। पर्यटन नगरी रानीखेत से करीब चार से अधिक माता की मूर्तियां कोसी नदी में विसर्जन को पहुंची। जिन्हें लोडर मशीन से गड्ढा खोद नदी के समीप रखा गया। नदी में भंडारा भी लगा। लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान राजस्व उपनिरीक्षक गिरीश कुमार, हरीश कुमार, महेश गोस्वामी, सेवानिवृत्त कैप्टन (अवकाश प्राप्त )अमेरिकाबचे सिंह अमेरा, दामोदर लखचौरा, सुबोध साह, नीरज थापा, पूरन रौतेला, राम सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।